आपस में चंदा कर जल निकासी कराने को मजबूर हुए ग्रामीण-सुरेन्द्र

मनरेगा समेत अन्य योजना से जलनिकासी हेतु करोड़ों रूपये डकार रहे दलाल, विचौलिया व् जनप्रतिनिधि-माले
एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर जिला (Samastipur district) के हद में ताजपुर नगर परिषद क्षेत्र के मोतीपुर वार्ड- 7,10 आदि के सैकड़ों ग्रामीणों के घरों, खेतों, बथान आदि जलमग्न है। यहां तक कि जलजमाव के कारण ग्रामीण रहिवासियों का रास्ता बंद है।

जलनिकासी के लिए नप के कार्यपालक पदाधिकारी को बीते 26 जून को जल निकासी हेतु आवेदन देने के बाबजूद प्रशासनिक पहलकदमी नहीं लेते देख पीड़ित ग्रामीणों द्वारा आपसी सहयोग से आपस में चंदा ईकट्ठा कर जेसीबी द्वारा 28 जून को एनएच-28 किनारे बंद पड़े पुलिया, भरे गये गड्ढ़े खोदकर, दीवार तोड़कर जल निकासी की कवायद शुरू कराया गया।

इस दौरान ग्रामीणों ने प्रशासनिक नाकामी पर आक्रोश व्यक्त किया। स्थानीय रहिवासी कुशेश्वर शर्मा ने कहा कि सरकारी फंड लूटा जा रहा है। दूसरी ओर हमें चंदा मांगकर जल निकासी कराने पर मजबूर होना पड़ रहा है। अर्जुन शर्मा ने कहा कि लोग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में नप के कार्यपालक पदाधिकारी को आवेदन दिया गया।

कोई सुनवाई नहीं होने पर पुनः 28 जून को आवेदन दिया गया, फिर भी कोई पहलकदमी नहीं देख हमलोग चंदा वसूली कर जलनिकासी हेतु प्रयासरत हैं।
मौके पर किसान नेता ब्रहमदेव प्रसाद सिंह, भाकपा माले ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि मनरेगा एवं अन्य योजनाओं में जल निकासी के लिए फंड उपलब्ध होने के बाबजूद ग्रामीणों को चंदा कर जल निकासी के लिए मजबूर होना पड़ता है।

यह प्रखंड प्रशासन समेत भाजपा- जदयू के नीतीश सरकार के लिए शर्म की बात है। माले नेता ने बीडीओ, नप प्रभारी, मुखिया, सचिव आदि के अकर्मण्यता की जांच व कार्रवाई करने की मांग जिलाधिकारी शशांक सुभंकर से की है। मौके पर अनील शर्मा, संजीव कुमार, प्रमोद कुमार, सुरेश साह, ऐपवा के समस्तीपुर जिलाध्यक्ष बंदना सिंह, महेश्वर शर्मा, अर्जुन सिंह आदि उपस्थित थे।

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