प्रहरी संवाददाता/बगोदर (गिरिडीह)। मजदूरी के लिए महाराष्ट्र के कोल्हापुर गए हजारीबाग जिला के हद में बिष्णुगढ थाना क्षेत्र के खरकी पंचायत बेलवाटोंगरी रहिवासी जोधन अगरिया के 45 वर्षीय पुत्र जीतन अगरिया की बीते 5 अप्रैल की सुबह मौत हो गई। मृतक अगरिया का शव लेकर एंबुलेंस 7 अप्रैल की सुबह गांव पहुंचा तो परिजनों में कोहराम मच गया।
जानकारी के अनुसार मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने एंबुलेंस को रोक दिया। काफी समझाने-बुझाने के बाद ठेकेदार की ओर से एक लाख 25 हजार रूपये की मुआवजे के आश्वासन मिलने पर छह घंटा बाद शाम को एंबुलेंस को छोड़ने पर परिजन राजी हुए। बताया जाता है कि 7 अप्रैल की देर रात्रि अगरिया का दाह संस्कार किया जा सका।
परिजनों के अनुसार मृतक जीतन अगरिया कोल्हापुर में एक स्थानीय ठेकेदार के माध्यम से बिल्डिंग लाइन में मजदूरी कर रहा था। काम के दौरान अचानक पेट दर्द के कारण वह काम छोड़कर अपना रूम पर आ गया। कुछ घंटो बाद रूम में ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद संबंधित ठेकेदार ने शव का पोस्टमार्टम के बाद एंबुलेंस से शव को घर भेज दिया। एंबुलेंस में शव देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया। रो-रोकर घर वालों का बुरा हाल हो गया।
बताया जाता है कि ग्रामीणों ने शव लेकर आई एंबुलेंस को रोक लिया तथा संबंधित ठेकेदार से परिजनों ने मुआवजे की मांग की। रहिवासियों से बातचीत के बाद सहमति बनने पर कोल्हापुर से आई एंबुलेंस को ग्रामीणों ने छोड़ दिया। इस घटना पर अप्रवासी मजदूरों के सेवार्थ कार्यरत समाजसेवी सिकंदर अली ने घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।
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