एस. पी. सक्सेना/बोकारो। कहावत है कि मंदिर अथवा तालाब की जमीन को अतिक्रमण नहीं किया जाता है। मंदिर एवं तालाब सार्वजनिक तौर पर सबके लिए सुलभ होता है।
इसके ठीक उलट बोकारो जिला के हद में गोमियां प्रखंड (Gomiyan block) के पलिहारी गुरुडीह पंचायत के गोमियां मोड़ काली मंदिर के पास भीखाहारा तालाब में स्थानीय एक दबंग द्वारा अतिक्रमण कर तालाब के अस्तित्व को संकट में डाल दिया गया है। आश्चर्य है कि अंचलाधिकारी उक्त भूमि को रैयती बताकर बंदोबस्ती की भी बात करते हैं।
इस संबंध में स्थानीय रहिवासी किशोर कुमार ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा गोमियां के अंचलाधिकारी को 19 जुलाई को संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र प्रेषित कर उक्त भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने की मांग की है। किशोर कुमार के अनुसार संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र में पलिहारी गुरुडीह पंचायत की मुखिया सपना कुमारी, पंचायत समिति सदस्य सुशीला देवी सहित 45 लोगों ने मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में उनके द्वारा जन सूचना अधिकार के तहत मांगे गए जानकारी के अनुसार उक्त भूमि सर्वे खाता में जानकी तिवारी के नाम से दर्ज है। सार्वजनिक उपयोग की भूमि है।
किशोर कुमार ने बताया कि बीते माह 14 जून को आरटीआई के माध्यम से अंचल अधिकारी कार्यालय द्वारा उन्हें सूचना दी गई कि उक्त पंचायत के शिव मंदिर के समीप स्थित खाता संख्या 129 प्लॉट संख्या 832, 833, 834, 835 तथा 836 की जमाबंदी ऑनलाइन प्रविष्टि है। साथ में आरटीआई के तहत बताया गया कि उक्त हल्का में संधारित पंजी-ii में प्लॉटवार रकवा जमाबंदी दर्ज नहीं रहने के कारण सूचना उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
स्थानीय रहिवासी किशोर कुमार ने बताया कि स्थानीय निवासी विजय नायक द्वारा उक्त भूमि तालाब मेड़ का अतिक्रमण कर शॉपिंग सेंटर बनाया जा रहा है, जो कहीं से भी न्यायोचित नहीं है। इस संबंध में पूछे जाने पर गोमिया के अंचलाधिकारी संदीप अनुराग टोपनो ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद उन्होंने अमीन को भेजकर वस्तु स्थिति की जानकारी ली।
अंचलाधिकारी के अनुसार उक्त भूमि का अतिक्रमण नहीं किया गया है, जबकि उक्त भूमि का बंदोबस्ती किया गया है। आश्चर्य का विषय यह है कि जब उक्त भूमि रैयत जानकी तिवारी के नामित है तो किस आधार पर और किस सरकारी आदेश के अनुसार उक्त भूमि का बंदोबस्ती दूसरे के नाम कर दिया गया है। जबकि उक्त प्लॉट पर पूर्व से मंदिर और तालाब बना है।
इस संबंध में काली मंदिर संचालन समिति द्वारा भी उक्त भूमि के अनाधिकृत अधिग्रहण पर आपत्ति दर्ज की गई है। काली मंदिर संचालन समिति ने पूर्व में 29 मार्च को बोकारो उपायुक्त को पत्र भेजकर उक्त भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने की मांग की थी, बावजूद इसके जिला प्रशासन (District Administration) अब तक लंबी तानकर सोई है।
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