अभिभावकों तथा ग्रामीणों ने लगाया प्राचार्य पर मनमानी का आरोप
प्रहरी संवाददाता/बोकारो। सीसीएल क्षेत्र में संचालित डीएवी पब्लिक स्कूल में फीस वृद्धि के खिलाफ क्षेत्र के अभिभावकों तथा ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। इसे लेकर 6 अप्रैल को सौ से अधिक ग्रामीणों तथा अभिभावकों ने बोकारो जिला के हद में डीएवी स्वांग के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व जिला परिषद सदस्य अकाश लाल सिंह तथा पूर्व मुखिया धनंजय सिंह कर रहे थे।
इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य आकाश लाल सिंह ने स्थानीय प्राचार्य पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्वांग डीएवी के प्राचार्य द्वारा अभिभावकों तथा छात्रों को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। उन्होंने कहा कि शिकायत करने गए अभिभावकों को प्रिंसिपल द्वारा कई बार धमकी दी जा चुकी है।
जिप सदस्य ने कहा कि डीएवी स्वांग द्वारा निजी पब्लिशर का किताब खरीदने के लिए दबाव बनाया जाता है, जो डीएवी नियमों के खिलाफ है। वही एसएमएस चार्ज के नाम पर प्रति छात्र वार्षिक शुल्क ₹180 वसूला जाता है, जबकि ₹299 के किसी भी कंपनी का रिचार्ज कराने पर लाखों लाख एसएमएस किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि डीएवी द्वारा अचानक फीस वृद्धि अभिभावकों के लिए गले का फांस बन गया है, जिसे गरीब तबके के अभिभावक वहन करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में अभिभावक अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा देने से वंचित रह जाएंगे।
माकपा राज्य कमेटी सदस्य कॉमरेड रामचंद्र ठाकुर ने कहा कि यहां के ग्रामीण बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने की साजिश रची जा रही है। यह डीएवी प्रबंधन की साजिश है। इनका मकसद सिर्फ धनी लोग के बच्चे ही पढ़े। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों एवं अभिभावकों के आंदोलन के साथ माकपा खड़ी रहेगी।
हजारी पंचायत के मुखिया तारामणि देवी ने कहा कि खुदगड्डा का पूर्वजों की जमीन पर आज डीएवी स्वांग स्थापित है। उन्होंने कहा कि खुदगड्ढा के ग्रामीण बच्चे नामांकन से वंचित रह जा रहे हैं। अब फीस वृद्धि उनके लिए और भी असहनीय हो गया है।
उन्होंने कहा कि डीएवी प्रबंधन को फीस वृद्धि का निर्णय वापस लेना होगा और सीसीएल कर्मचारी के बच्चों के समान ही विस्थापितों के बच्चों का फीस निर्धारित करना होगा। पूर्व मुखिया धनंजय सिंह ने कहा कि प्रतिवर्ष स्थानीय प्रतिनिधियों, अभिभावकों एवं जनप्रतिनिधियों के बिना सहमति लिए डीएवी प्रबंधन द्वारा छात्रों की फीस वृद्धि की जाती रही है।
उन्होंने कहा कि बीते 5 वर्षों में डीएवी द्वारा 40 से 50 प्रतिशत फीस बढ़ोत्तरी किया गया है, जो राज्य की शिक्षा नीति के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो वे डीएवी प्रबंधन तथा सीसीएल के खिलाफ न्यायालय में जाएंगे।
पूर्व मुखिया चंद्रदीप पासवान ने कहा कि डीएवी स्वांग हम रैयतों की खतियानी जमीन पर बना है। इसलिए डीएवी प्रबंधन को सीसीएल के बच्चों के फीस के अनुपात में रैयतों, विस्थापितों के बच्चों से उतना हीं फीस लेना होगा, अन्यथा उक्त विद्यालय को बंद करा दिया जाएगा।
इस अवसर पर क्षेत्र के समाजसेवी केदार प्रसाद स्वर्णकार ने कहा कि क्षेत्र के तमाम सरकारी विद्यालयों में कमेटी बनी है। जिसके द्वारा किसी प्रकार का फीस वृद्धि अथवा कोई भी विद्यालय से संबंधित निर्णय कमेटी द्वारा हीं लिया जाता है।
ऐसे में डीएवी प्रबंधन स्थानीय ग्रामीणों को कमेटी में शामिल क्यों नहीं करती। स्थानीय भाजपा नेता राधेश्याम वर्णवाल ने अभिभावकों से अपील की है कि जब तक डीएवी स्वांग प्रबंधन फीस बढ़ोतरी के अपने निर्णय को वापस नहीं लेती है तब तक वे नामांकन ना कराएं।
अपनी एकजुटता का परिचय दें। साथ ही बच्चों को विद्यालय अवश्य भेजें। यदि डीएवी प्रबंधन बच्चों को पढ़ाने से इंकार करती है तो इसका खामियाजा स्थानीय डीएवी प्रबंधन को भुगतना होगा।
इस संबंध में डीएवी स्वांग के प्राचार्य डॉ सुजीत कुमार शर्मा ने स्थानीय एक पत्रकार को दूरभाष पर कहा कि फीस वृद्धि सीसीएल प्रबंधन द्वारा किया जाता है ना कि डीएवी द्वारा। वहीं उन्होंने निजी पब्लिशर से किताब खरीद मामले को बकवास करार दिया।
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