रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में पेटरवार प्रखंड के मायापुर स्थित जंगल मे लगातार तीसरी बार झुंड से बिछडे हाथी पहुंच कर उत्पात मचा रहा है। इससे ग्रामीण रहिवासियों में दहशत व्याप्त है।
जानकारी के अनुसार मायापुर पंचायत के बोरवापानी में बीते 13-14 जनवरी की देर रात्रि एक बिछड़ा हाथी ने स्थानीय रहिवासी शिवन मांझी के घर का एसबेस्ट्स एवं दरवाजा का कुंडी तोड़कर अंदर रखे ढेड़ किवंटल चावल, पचास किलो गोटा रहर दाल, साथ ही आंगन में रखे धान को चट कर गये। वही अर्जुन मांझी के आलु लगे खेत को रौंदकर नष्ट कर दिया। साथ ही करमचंद मांझी के खेत मे लगे फसल को रौंदकर बर्बाद कर दिया।
रहिवासियों के अनुसार हालांकि इस दौरान जान माल का किसी भी प्रकार का हताहत नही हुआ है। इन जंगली हाथी के दहशत की वजह से शाम होते ही पूरे गांव में सन्नाटा पसर जा रहा है। पीड़ित शिवन माझी ने 15 जनवरी को जानकारी देते बताया कि बीते दिनों अहले सुबह पांच बजे उसके घर का एडबेस्ट्स शीट एवं दरवाजा का कुंडी तोड़कर हाथी घर में रखे लगभग डेढ़ किवंटल चावल, पचास किलो रहर एवं एक बोरी धान खा गये।
मांझी ने बताया कि हमलोग बहुत मेहनत से खेती कर धान व अन्य फसल को उपजाते है। यदि इस तरह से जंगली हाथी क्षतिग्रस्त करते रहेगा, तो हमलोग भूखे मरने के स्थिति में आ जायेगें। बताया कि घटना क्रम की जानकारी वन विभाग को दे दिया गया है। वन विभाग के टीम ने हाथियो को भगाने का काम मे जुट गए। मांझी का कहना है कि वन विभाग की टीम भले ही सूचना मिलते ही हाथियो को खेदड़ने का काम करते है। पर सुरक्षित स्थान पहुंचाने मे असफल रहे है।
इस संबंध में मायापुर पंचायत के मुखिया नामकिशोर मांझी ने कहा कि इससे पहले भी उक्त पंचायत में हाथियों द्वारा जो नुकसान पहुंचाया गया है, वैसे पीड़ितों को आपदा विभाग से क्षतिपूर्ति दिलाने का प्रयास किया जायेगा।
कहा कि हाथी है तो कही न कही क्षतिग्रस्त करेगा ही। परन्तु हमारी टीम हाथियों पर रात भर नजर बनाए रहते हैं, ताकि किसी के घर में कोई अनहोनी न हो। साथ ही बड़ा नुकसान न हो जाए। रही बात मुआवजा का तो जिस ग्रामीण को किसी तरह का नष्ट हुआ है, उसको आवेदन करने की जरूरत है। जिसका वेरिफिकेशन करवा कर मेरे पास भेजें, ताकि पीड़ित तक मुआवजा पहुंच सके।
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