ऐतिहासिक बंदी गूंगी बहरी हेमंत सरकार के मुहँ पर कड़ा तमाचा है-विजय शंकर नायक

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड की राजधानी रांची में 22 मार्च को की गयी ऐतिहासिक बंदी गूंगी बहरी हेमंत सरकार के मुहँ पर कड़ा तमाचा है। सरकार अभी भी आंख खोले और आदिवासी समाज के भावनाओ का सम्मान करने का कार्य करे।

उपरोक्त बाते आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने 22 मार्च को राजधानी रांची की एतिहासिक एवं शत प्रतिशत बंद होने पर कही। उन्होंने कहा कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार धृतराष्ट्र की तरह आंख मूँद कर आदिवासी समाज के भावनाओ के साथ खिलवाड़ करने का कार्य कर रही है। आदिवासी समाज के समस्याओ की अनदेखी किया जा रहा है, जबकि आदिवासी समाज लगातार तीन महिने से आंदोलनरत है। फिर भी सरकार के कान में जूँ तक रेंगने का काम नहीं किया।

कहा कि सरकार आदिवासी समाज की समस्याओं के समाधान पर कभी गंभीरता नहीं दिखाने का कार्य किया, जिससे यह प्रतीत होता है कि राज्य की हेमंत सरकार सिर्फ और सिर्फ आदिवासी वोट का सौदागर है, जिसका मात्र मकसद वोट लेना भर है। नायक ने कहा कि रांची के सिरम टोली के मुख्य द्वार पर फ्लाई ओवर से रैम्प हटाने की मांग को लेकर आदिवासी समाज द्वारा सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए मानव श्रंखला बनाया गया, ताकि रास्ता बदल कर दुसरे रास्ते का विकल्प तलाश की जा सके।

आदिवासी समाज की अनदेखी कर सरकार द्वारा कोई गंभीरता नहीं दिखाई गयी। कहा कि जब समाज द्वारा सभी आदिवासी विधायको एवं भाजपा के रांची सासंद, विधायक का पुतला दहन किया गया। सदन मे रांची विधायक ने बात रखी तो सीएम हेमंत सोरेन ने मात्र सदन मे जवाब दिया कि सरहुल पर्व धूमधाम से मनाया जायेगा। मगर समाज के मुख्य विषय सिरम टोली के मुख्य द्वार पर फ्लाई ओवर से रैम्प हटाने की दिशा मे बोलने से बचते रहे जिससे आदिवासी समाज के बीच सकारात्मक संकेत ना जाकर गलत संदेश गया। उसी का परिणाम है 22 मार्च को रांची की ऐतिहासिक बंदी।

नायक ने साफ शब्दो मे कहा कि सरकार छोटानागपुर के आदिवासी समाज की भावनाओ के साथ एवं उनके धार्मिक स्थलो के साथ खिलवाड़ करना बंद करे, अन्यथा इसके बहुत ही गंभीर परिणाम हो सकते है। इसलिए, किन्तु परन्तु ना करते हुए तथाकथित आदिवासी समाज का दलाली करने वालो की बातो को न सुनते हुए तुरंत सरहुल से पूर्व सिरम टोली के मुख्य द्वार पर फ्लाई ओवर से रैम्प हटाने की दिशा में कार्रवाई करे। नही तो समाज अब डाइरेक्ट एक्शन मोड में आने का कार्य करेगी और सिरम टोली के मुख्य द्वार पर फ्लाई ओवर से रैम्प हटाने की दिशा मे अपना कार्य करेगी, जिसकी जिम्मेवारी हेमंत सरकार पर होगी ना कि आदिवासी समाज पर।

 50 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *