आईएएस चौबे व् सिंह की गिरफ्तारी से भ्रष्टाचार नीति उजागर-विजय शंकर नायक

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। आईएएस विनय कुमार चौबे एवं उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह की गिरफ्तारी वर्तमान हेमंत सोरेन व् पूर्ववर्ती भाजपा के मुख्यमंत्री रघुवर दास के भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाली नीतियों को उजागर करती है। दोनो पार्टियां चोर चोर मौसेरा भाई की कहावत को चरितार्थ करता है।

उपरोक्त बातें 21 मई को आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा आईएएस विनय कुमार चौबे को वर्ष 2022 के शराब घोटाले में गिरफ्तार करने पर अपनी प्रतिक्रिया मे कही। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई हेमंत सोरेन सरकार और पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाली नीतियों को उजागर करती है। कहा कि झारखंड के कई विभागों में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी है और डॉ प्रदीप कुमार, पूजा सिंघल, छवि रंजन जैसे अन्य आईएएस अधिकारियों की गिरफ्तारी इसकी गंभीरता को दर्शाती है।

नायक ने हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वर्ष 2022 की उत्पाद नीति के तहत नकली होलोग्राम और अवैध शराब उत्पादन से राज्य को 38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सात प्लेसमेंट एजेंसियों को मनमाने ढंग से ठेके दिए गए। हेमंत सरकार की चुप्पी सवाल उठाती है तो पूर्ववर्ति भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री रघुवर दास की भूमिका भी संदेहास्पद है।

कहा कि वर्ष 2016 से 2019 में उत्पाद विभाग में बिना निविदा के शराब ठेके दिए गए, जिससे 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। जबकि रघुवर दास की भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं की। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि दोनो सरकारो ने झारखंड को दोनो हाथों से लुटने का काम किया है।

नायक ने कहा कि विनय चौबे एवं उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह की गिरफ्तारी सिर्फ आई वाश है भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस नीति का। जबकि छोटी मछली को गिरफ्तार कर बड़ी मछली को बचाने का एकमात्र हिस्सा है। हेमंत और रघुवर की भाजपा सरकारों ने भ्रष्टाचार को पनपने दिया। उत्पाद, ग्रामीण विकास, खनन,भवन प्रमंडल, पथ निर्माण, भूमि एवं राजस्व, स्वास्थ्य जैसे विभाग भ्रष्टाचार केअड्डे बने हुए है।

नायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि हेमंत और रघुवर दास की सरकारों ने भ्रष्टाचार को संरक्षण देकर जनता के साथ विश्वासघात किया है। आज उत्पाद, ग्रामीण विकास, भवन, पेयजल, स्वास्थ्य, भूमि जैसे विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार होने के कारण जनता के जन सुविधाओं को प्रभावित किया है।

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