प्रहरी संवाददाता/कसमार (बोकारो)। जहाँ भारतीय नववर्ष है, वहाँ उमंग है, उत्साह है, उल्लास है। यह जो भारतीय नववर्ष है, यह सृष्टि का प्रारंभिक दिवस है। जीवन में अध्यात्म का अभाव न हो। हम सब भारतीय नववर्ष पर भारतीय संस्कृति के इस प्राण तत्व को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पित हुए है। यह बहुत बड़ी बात है।
भारत में रहकर, भारत की हवाओं में श्वांस लेकर, हम अपनी संस्कृति, अपनी परम्पराओं से अलग होकर नहीं रह सकते हैं। अपने देश की एक संस्कृति है। एक परम्परा है। हम सब ऋषियों की सन्तान हैं। उस पद पर निरन्तर अपने को गतिमान रखना, यही भारतीयता है। भारतीयता की जड़ों को हम मजबूत कर रहे हैं।
उक्त उदगार 2 अप्रैल को विहंगम योग संत समाज के वक्ताओं ने सदाफलाब्द 134 के अवसर पर कही। इस अवसर पर विहंगम योग संत समाज द्वारा स्वर्वेद यात्रा निकाला गया। जिसमें बड़ी संख्या में संत समाज के महिला पुरुष शामिल हुए।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि “स्वर्वेद” ग्रन्थ मानव जाति के उत्थान का आध्यात्मिक सद्ग्रन्थ है। इसके शब्द-शब्द में अदभुत चमत्कार भरा हुआ है। स्वर्वेद की वाणी अमोघ है। यह वाणी साक्षात्कृतधर्मा ऋषि की वाणी है। ब्रह्मवाणी है। दिव्यवाणी है।
अमृतवाणी है। इसके पाठ-परायण से नकारत्मकता एवं भय का वातावरण जड़-मूल से समाप्त हो जाता है। समाज में प्रेम, अहिंसा, सदभाव, मैत्री, करुणा, सहजता, निर्भयता, सहयोग, समन्वय, जो कुछ भी सकारात्मक है, वह सारा इसी आध्यात्मिक मार्ग के अवलम्बन से सम्भव है।
जीवन में स्वर्वेद के आचरण से मनुष्य का जीवन महान बनता है। स्वर्वेद का एक-एक शब्द में चमत्कार भरा है । जिस प्रकार वृक्ष के मूल में जल सिंचन करने से सारा वृक्ष हर-भरा, पल्लवित, पुष्पित हो जाता है, उसी प्रकार एकमात्र स्वर्वेद के स्वाध्याय से, पाठ से मनुष्य के जीवन का सम्पूर्ण विकास सम्भव होता है।
कहा गया कि अंतर्राष्ट्रीय सद्गुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थान के अध्यक्ष एवं सद्गुरु उत्तराधिकारी पूज्य विज्ञानदेव जी महाराज के उदगार स्पष्ट रूप से भारतीय नववर्ष एवं स्वर्वेद सदग्रंथ के महत्व को प्रतिपादित करते हैं। इस महत्व को दृष्टिगत रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय सद्गुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थान विगत अनेक वर्षों से भारतीय नववर्ष पर स्वर्वेद यात्रा का आयोजन करता आ रहा है।
इस वर्ष भी भारत के 25 राज्यों के 320 स्थानों में भारतीय नववर्ष पर स्वर्वेद यात्रा का आयोजन हुआ। इसी क्रम में बोकारो शहर के जनवृत 5 में स्वर्वेद यात्रा के आयोजन में आदित्य महथा, डी पी ठाकुर, डॉ मनोज कुमार, जनार्दन प्रसाद, संतोष सिंह, किशोरी सिंह, दिलीप सिंह, दिलीप कुमार, राज किशोर सिंह, किरण यादव, आदि।
समता झा, आरती सिंह, जनार्दन पुजारी, परशुराम महतो, तिउ महथा आदि मौजूद रहे। वहीं विहंगम योग संत समाज चास ने गर्गा ब्रिज से सत्संग भवन, राम नगर कॉलोनी तक स्वर्वेद यात्रा निकाला।
जिसमें अमर शर्मा, पंकज पांडेय, अमित केशरी, मिश्रदेव राणा, जितेंद्र शर्मा, आनंद, उत्तम, गौतम, गौरव, मन्नू देवी, गीता देवी, रेखा बरनवाल, मधुलिका बर्मन, आशा देवी, आरती देवी, अनिता सिंह, प्रिया कुमारी, अदिति लाल, प्रिया कुमारी, पूजा, संजय केशरी, सत्येंद्र प्रजापति, अविनाश सिंह, जयेश, आलोक, चंद्र किशोर पाठक आदि शामिल थे।
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