प्रहरी संवाददाता/तेनुघाट (बोकारो)। कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज के साड़म, होसिर, गोमियां के प्रवक्ता सह परशुराम सेवा ट्रस्ट के सचिव पंडित देवदत्त तिवारी ने बताया कि किसी भी देवता की पूजा में सर्वप्रथम विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है l जिससे प्रसन्न होकर वह आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
पंडित देवदत्त ने बताया कि भगवान श्रीगणेश पूरे पूजा को निर्विघ्न संपन्न कराते हैं। उसी प्रकार हमारे सनातन धर्म की फाल्गुन मास की समाप्ति पर चैत शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नववर्ष का प्रारंभ होता है। संवत्सर बदलता है। नए वर्ष में सब प्रकार से मंगलमय हो।
सबको सफलता प्राप्त हो। पूरे हर्षोल्लास व सुखमय व्यतीत हो। उन्होंने बताया कि नव वर्ष प्रारंभ होते ही सर्वप्रथम भगवान श्रीगणेश पूजा चोठ तिथि को धूमधाम और श्रद्धा से भारतवर्ष में किया जाता है।
इस नए वर्ष में इस बार आगामी 11 मार्च को चतुर्थी तिथि में भगवान श्रीगणेश का पूजा किया जाएगा, क्योंकि 10 मार्च को पंचांग के अनुसार तृतीय तिथि रात्रि 8:09 तक भोग करता है। उसके बाद चतुर्थी तिथि लगती है, जो 11 मार्च दिन शनिवार को रात्रि 7:57 तक भोग करता है।
इसलिए 11 मार्च को दिनभर और रात्रि 7:57 तक चतुर्थी योग रहने के कारण भगवान श्रीगणेश की वर्ष की पहली पूजा मनाया जाएगा। इसलिए सभी माता, बहनों व श्रद्धालु निर्विघ्न रुप से आगामी 11 मार्च को भगवान श्रीगणेश की पूजा श्रद्धा के साथ करेंगे।
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