विधानसभा की प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति ने किया बोकारो का दौरा

जिले के सभी विभागों के अधिकारियों के साथ की बैठक

समिति के द्वारा बोकारो स्टील सिटी क्षेत्र के विस्थापित क्षेत्रों का भ्रमण कर लोगों की समस्या को सुना

एस.पी.सक्सेना/बोकारो। झारखंड विधानसभा की प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति अपने बोकारो जिला (Bokaro district) दौरे के दौरान 22 जुलाई को बोकारो परिसदन सभागार में जिले के सभी विभागों के पदाधिकारियो के साथ समिति के सभापति घाटशिला विधायक रामदास सोरेन की अध्यक्षता में बैठक हुई।

बैठक में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की गयी। इसमें विधानसभा में उठाये गए जिला एवं राज्य स्तरीय प्रश्नों के आलोक में विभिन्न विभागों के द्वारा किये गए कार्रवाई की समीक्षा की गई। बैठक में सभी विभागों के अधिकारियों को विधानसभा में उठाए गए प्रश्नों का विधि सम्मत तरीके से निष्पादन करने का निर्देश दिया गया।

बैठक में बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro district) में कार्य कर रहे मजदूरों का मानदेय से संबंधित मामले की जानकारी दी गयी, जिसमें समिति के अध्यक्ष द्वारा जिला स्तरीय समिति गठित कर बीएसएल प्लांट में कार्य कर रहे मजदूरों के वेतन भुगतान की जांच करने का निर्देश दिया।

उक्त निर्देश के आलोक में उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने जिला स्तरीय कमिटी गठित कर प्लांट के अधिकारियों के साथ बैठक कर जल्द से जल्द समस्या का समाधान का आश्वासन दिया। इस संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी चास दिलीप प्रताप सिंह शेखावत को भी निर्देश दिया गया।

बैठक में कोविड 19 संक्रमण की स्थिति एवं किये जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी ली गई। सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार पाठक द्वारा बताया गया कि जिले में मामलों में कमी आई है। कोविड 19 संक्रमण से कुल 282 की जान गई है।

वहीं थैलेसीमिया के 86 मरीज विधमान है। बोकारो सदर अस्पताल में सिटी स्कैन मशीन, रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजी, आईसीयू इत्यादि की भी जानकारी ली गई। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ पाठक द्वारा बताया गया कि सदर अस्पताल में आईसीयू नियमित तरीके से संचालित है, जबकि अन्य के लिए विभागीय कार्रवाई हेतु पत्र भेज दिया गया है।

समिति के समक्ष सदर अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध रहने की बात भी रखी गई। समिति ने ब्लड बैंक की जानकारी ली तथा कहा कि गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से कैम्प आयोजित कर ब्लड इकट्ठा करें।

बोकारो विधायक सह मुख्य सचेतक विरंची नारायण ने समिति के सभापति से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाये गए गांव के सड़कों की मरम्मति की बात रखी गई। सभापति ने संज्ञान में लेते हुए कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग को निर्देश दिया कि गांवों के सड़कों की मरम्मति कराएं।

समिति ने यह भी मांग की कि पिछले तीन साल में कितने सड़क बने हैं तथा कितने का कार्य शेष बचा है। पथ निर्माण विभाग तथा भवन प्रमंडल से भी पिछले तीन साल में किये गए कार्यों का व्योरा मांगा।

बैठक में बिजली आपूर्ति के संबंध में विभाग के कार्यपालक अभियंता चास प्रमंडल द्वारा बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 16-17 घण्टा एवं शहरी क्षेत्रों में 21-22 घण्टे बिजली आपूर्ति की जा रही है। ट्रांसफार्मर जल जाने या खराब हो जाने की स्थिति में विभाग द्वारा समय से पूर्ण कर लेने की बात भी कही।

इस विषय पर खरसावां के विधायक दशरथ गागरई द्वारा अद्यतन स्थिति की जानकारी ली गई तथा आवश्यक निर्देश दिया गया। अध्यक्ष द्वारा निर्देश दिया गया कि जो कार्य अपूर्ण है उसे जल्द से जल्द पूर्ण करते हुए इसका प्रतिवेदन सौपें।
शिक्षा विभाग के समीक्षा में वित्त रहित शैक्षणिक संस्थानों पर चर्चा की गई।

जिला शिक्षा पदाधिकारी नीलिमा अइलीन टोप्पो द्वारा बताया गया कि जिले में दो मदरसा विद्यालय तथा 56 अन्य विद्यालयों में स्वीकृति फलस्वरूप अनुदान दिया जा रहा है। समिति ने अनुसूचित जाति के उत्थान हेतु सरकार द्वारा चलाये जा रहे अजावनी योजना की भी जानकारी ली।

समिति द्वारा पूछा गया कि अबतक कितनों की सूची तैयार की गई है तथा कितने लाभान्वित हुए हैं। अनुसूचित जनजाति के लिए संचालित योजनाओं का हाल जाना। पेटरवार में बन रहे अभियंत्रण विद्यालय की प्रगति के बारे में जानकारी ली गई, जिसपर बताया गया कि इसका संचालन जिला से नही हो रहा है।

समिति ने मजदूरों को दिए जा रहे मानदेय पर भी चर्चा किया। श्रम अधीक्षक द्वारा बताया गया कि मानदेय पर विभाग द्वारा लगातार मोनिटरिंग किया जा रहा है। कहीं से सूचना मिलने पर अविलंब कार्रवाई की जा रही है। समिति ने कैजुअल एवं रोजमर्रा आधारित श्रमिकों की सूची एवं अद्यतन प्रतिवेदन की मांग की।

इस अवसर पर समिति द्वारा बोकारो स्टील सिटी के हद में विस्थापित क्षेत्र के 19 ग्रामो जैसे- कंडेरी, मोहनपुर, धनगरी, पचोड़ा, शिबूटांड़ सहित अन्य ग्रामों का भ्रमण कर रहिवासियों की समस्या को सुना तथा बहुत जल्द इनकी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया।

ज्ञात हो कि विगत बजट सत्र में बोकारो विधायक द्वारा सदन में 19 गावों को पंचायत का दर्जा तथा विस्थापन आयोग की गठन को लेकर विस्थापित गाँव के लोगों के द्वारा समिति के सभापति रामदास सोरेन को ज्ञापन सौपा।

मांग पत्र के माध्यम से विस्थापितों ने सभापति से कहा कि बोकारो विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बोकारो इस्पात संयंत्र से विस्थापित हुए गांव जैसे महुआर, चैता टाँड़, कुंडोरी, बैधमारा, बास्तेजी, धनगरी, मधुडीह, शिबू टाँड़, पीपरा टाँड़, चिताही, महेशपुर, आगरडीह, कनफटा, बनसिमली सहित करीब दो दर्जन गांव व बस्ती है।

इन गांवों में लगभग दो लाख की आबादी निवास करती है। विस्थापितों ने देश और प्रदेश के विकास के लिए पूर्वजों ने अपनी जमीन देते वक्त एक सुनहरे भविष्य की परिकल्पना की थी। पूर्वजों ने अपनी जमीन पर कारखाना लगाने तथा इससे जुड़ी व्यवस्थाओं के लिए जमीन दिया था। हमारी भी मांग है कि हम सभी विस्थापितों की समस्या का हल हो।

बैठक में समिति के सदस्य खरसांवा विधायक दशरथ गागरई, तमाड़ विधायक विकास कुमार मुंडा, कांके विधायक समरी लाल, खिजरी विधायक राजेश कश्यप, बोकारो विधायक बिरंची नारायण, उपायुक्त कुलदीप चौधरी, पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार झा, उप विकास आयुक्त जय किशोर प्रसाद, सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार पाठक, अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी चास दिलीप प्रताप सिंह शेखावत सहित जिले के विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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