जंगली हाथियों के उत्पात से घंटो वाहन सड़कों पर रहे खड़े

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला में इनदिनों जंगली हाथियों का उत्पात रहिवासियों के सर चढ़कर बोलने लगा है।

जानकारी के अनुसार बीते 23 मई की देर संध्या किरीबुरु-बड़ाजामदा मुख्य मार्ग पर ॐ शांति स्थल मंदिर के समीप एवं टाटीबा गांव क्षेत्र में जंगली हाथियों का अलग-अलग झुंड घंटो उत्पात मचाता रहा। एक हाथी ॐ शांति स्थल मंदिर के नीचे मोड़ एवं मुख्य सड़क पर शाम 7 बजे से रात 10.30 बजे तक तोड़फोड़ एवं उत्पात मचाता रहा।

इस वजह से किरीबुरु के एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर, सेल अस्पताल के पदाधिकारी, दो यात्री बस समेत दर्जनों वाहनों में सवार सवारी लगभग साढे़ तीन घंटा सैडल गेट में फंसे रहे। कुछ वाहन सवार बड़बिल होते दूसरे मार्ग से किरीबुरु की ओर कूच किये।

बताया जाता है कि इस दौरान उक्त जंगली हाथी घटनास्थल पर सड़क के दोनों किनारे रेडियम लगे दर्जनों पोल को उखाड़ कर सड़क पर फेंक दिया। एक मोटरसाइकिल को सड़क पर क्षतिग्रस्त कर दिया। मोटरसाइकिल सवार जान बचाकर जंगल में भाग गया।

बाद में यात्री बस पर चढ़ कर अपनी जान बचाई। बस के करीब हाथी पहुंचा, जिससे यात्रियों की जान आफत में पड़ी रही। सेल अस्पताल के वरिष्ठ पदाधिकारी बोआस बोदरा के वाहन को भी दौडा़या। चालक वाहन को बैक कर भागता रहा। हाथी को भगाने आये वन विभाग की टीम को दो बार हाथी ने खदेड़ दिया।

इस दौरान किरीबुरु के एसडीपीओ अजीत कुजूर अपने जवानों के साथ सैडल गेट पर ही खड़े होकर तमाम वाहनों व उसमें सवार यात्रियों को रोक वन विभाग के कर्मचारी शंकर पांडेय से निरंतर सम्पर्क बनाकर उन्हें हाथी को मुख्य सड़क से हटाने का निर्देश देते रहे। साढे़ तीन घंटे के प्रयास के बाद लगभग 10.30 बजे रात्रि हाथी मुख्य सड़क से हटे और यात्री किरीबुरु पहुंचे।

दूसरी ओर सैडल गेट से नीचे टाटीबा गांव के रहिवासियों ने हाथियों के समूह को पटाखे जलाकर, ढोल-नगाड़ा बजा कर गांव क्षेत्र से खदेड़ रहे थे। इससे पहले शाम 5 बजे एक हाथी शांति स्थल मंदिर के समीप मोड़ पर घूमता रहा। इसका वीडियो वन विभाग के कर्मचारी कैलाश ने बनाया जो वायरल हुआ। हालांकि यह हाथी कुछ देर बाद रहिवासियों के शोर मचाने से जंगल में चला गया।

बताया जाता है कि हाथियों के उत्पात के कारण 24 जुलाई को शांति स्थल मंदिर में महाभोग का आयोजन स्थगित कर दिया गया। परिस्थिति को देखते हुए भोग का वितरण लोकेश्वर मंदिर में किया गया। हाथियों के आतंक से रहिवासियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। वन विभाग ने पश्चिम बंगाल से हाथी भगाने के लिए विशेषज्ञों की टीम बुलाई है, जो चाईबासा से किरीबुरु पहुंच हाथी भगाने के कार्य में लगेगी।

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