फूलगोभी, बंधगोभी, मूली, बैगन, कद्दू बिक रहे दो रूपये किलो
एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर जिला में हरी सब्जी की कीमत नहीं मिलने से किसान सब्जी से लहलहाती खेतों में हल चलाकर सब्जी को जमींदोज करने को मजबूर हैं। सब्जी की कीमत से किसानों को न मजदूरी और न ही भाड़े उपर हो रहे हैं। खरीददार के अभाव में किसानों की स्थिति दयनीय हो गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर प्रखंड क्षेत्र के फतेहपुर, कस्बे आहर, मोतीपुर आदि क्षेत्र के किसानों द्वारा बीघा के बीघा सब्जी समेत खेतों को जोतने की सूचना पर 3 दिसंबर को भाकपा माले के प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह, किसान महासभा प्रखंड सचिव मनोज कुमार सिंह, अध्यक्ष ब्रहमदेव प्रसाद सिंह ने मुआयना किया।
इस दौरान जोतने से मना करने पर किसानों ने बताया कि बगल के मोतीपुर सब्जी मंडी में 2 रूपये किलो फूलगोभी, बंधगोभी, बैगन, मूली, कद्दू, 10 रूपये किलो धनिया पत्ता, 5 रूपये किलो कुनरी बिक रहा है। किसानों के अनुसार इस पैसे से न सब्जी काटने का मजदूरी मिल रहा है और न ही सब्जी मंडी पहुंचाने का भाड़ा उपर हो रहा है। कहा गया कि 1 रूपये किलो आरत खर्च भी लगता है।
इस अवसर पर फतेहपुर के किसान अनील सिंह ने बताया कि मंडी में खरीददार भी नहीं मिलता। एक- दो दिन इंतजार कर सब्जी फेंकना ही पड़ता है। इसलिए वे सब्जी को जोतबा रहे हैं। किसान लक्ष्मण सिंह ने बताया कि अगली फसल के आस में वे सब्जी जोतबा रहे हैं। माले टीम ने ताजपुर मंडी पहुंचकर सब्जी की कीमत की जानकारी ली तो किसानों द्वारा बताया गया कीमत सही साबित हुआ।
इस अवसर पर किसान नेता मनोज कुमार सिंह एवं ब्रहमदेव प्रसाद सिंह ने बताया की केसीसी लोन, महाजनी कर्ज, उधार लेकर किसानों ने महंगी बीज, खाद-खल्ली खरीदकर सब्जी की उपज की। महंगा पटवन किया। लेकिन, जब फसल तैयार हुआ तो खरीददार ही नहीं मिल रहा है। अब किसान कैसे कर्ज चुकाएंगे और फिर कैसे अगली फसल लगाएंगे।
भाकपा माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि सब्जी की कीमत नहीं मिलने से समस्तीपुर सहित आसपास के जिलों के किसान पूरी तरह बर्बाद हो गये। उन्होंने बताया कि अधिकांश किसान ठेका, बटैया लेकर खेती करते हैं।
उनका जीवनयापन कैसे चलेगा। माले नेता ने कृषि पदाधिकारियों से किसानों को फसल क्षति मुआवजा देने, केसीसी लोन माफ करने एवं अगली फसल लगाने के लिए किसानों को नि: शुल्क खाद-खल्ली, बीज, बिजली, पानी, कृषि यंत्र देने की मांग की है।
इसे लेकर किसान महासभा ने 5 दिसंबर को ताजपुर प्रखंड कृषि कार्यालय घेराव की घोषणा की। किसान नेताओं ने प्रखंड के किसानों से उक्त घेराव में भाग लेकर आंदोलन को सफल बनाने की अपील की है।
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