प्रहरी संवाददाता/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में कस्तूरबा श्रीविद्या निकेतन ढोरी में 23 अप्रैल को वीर कुंवर सिंह की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्जन के साथ की गयी। जयंती समारोह में मंच संचालन कक्षा अष्टम की बहन वीणा तथा कक्षा नवम की अदिति मिश्रा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में भाग लिए भैया – बहनों ने भाषण द्वारा उनके जीवन एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के मुख्य वक्त के रूप में विद्यालय की दीदी विभा ने बाबू वीर कुंवर सिंह के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वीर कुंवर सिंह 80 वर्ष की उम्र में बिहार के तरफ से 1857 की क्रांति में स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि बाबू वीर कुंवर सिंह छापे मार युद्ध में तथा गोरिल्ला युद्ध में प्रवीण थे। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ी। सन 1857 की क्रांति में उन्होंने बिहार क्षेत्र का नेतृत्व संभाला।
विद्यालय के प्रधानाचार्य रण सुमन सिंह द्वारा आशीर्वचन में वीर कुंवर सिंह की जन्मदिन की सबको बधाई देते हुए कहा कि जब कुंवर सिंह बलिया के पास शिवपुरी घाट से गंगा नदी पार कर रहे थे, तब अंग्रेजी सेना द्वारा घेर लिया गया। जिसका नेतृत्व डगलस कर रहा था। वीर कुंवर सिंह पर अंधाधुंध गोलियां चलाना शुरू कर दिया। इस गोलीबारी में कुंवर सिंह के एक हाथ में गोली लग गई। जिसे उन्होंने अपना अपमान समझा और तलवार से अपने उस हाथ को काटकर गंगा में समर्पित कर दिया और एक हाथ से ही उन्होंने युद्ध करना शुरू कर दिया।
उन्होंने बताया कि विनायक दामोदर सावरकर ने अपने किताब 1857 का स्वातंत्र्य समर में वीर कुंवर सिंह को 1857 के संग्राम के नायक कहा है। बाबू वीर कुंवर सिंह के शौर्य, पराक्रम, धैर्य से जुड़ी कई कहानियों को प्रधानाचार्य द्वारा सभा में रखा गया। इस अवसर पर विद्यालय सचिव धीरज कुमार पांडेय, आचार्य नित्यानंद मिश्रा, देवाशीष ओझा, दीपक कुमार, शैलेंद्र सिंह, शिवपूजन सोनी, कुमार गौरव, मंतोष प्रसाद, हृषिकेश तिवारी, प्रदीप कुमार महतो, शैलबाला कुमारी, विभा सिंह, अनिता कुमारी, वीणा कुमारी, सुषमा कुमारी, प्रीति प्रेरणा सिंह व विद्यालय के भैया -बहन, विद्यालय कर्मी आदि उपस्थित थे।
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