असुरक्षित खदान संचालित होने की शिकायत पर होगी विधि सम्मत कार्रवाई-डीएमएस

कारो में सुरक्षा नियमों की अवहेलना कर उत्पादन, करोड़ो का ग्रीन कॉटन बॉल बर्बाद

एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में सीसीएल की बीएंडके क्षेत्र की कारो खुली खदान में सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर कोयला उत्पादन किया जा रहा है। फोरेस्ट पैच मे ट्रांसपोर्टर द्वारा ओबी निस्तारण, कोयला उत्पादन और डिस्पैच की जा रही है।

जानकारी के अनुसार यहां हाईवाल के नीचे असुरक्षित ढंग से कामगारों से काम लिया जा रहा है। इससे कभी भी दुर्घटना घट सकती है। यूनियन नेताओं के मामले से अवगत कराने के बावजूद प्रबंधन कोई कदम नहीं उठा रही है। जानकारी के मुताबिक कारो खदान के निचले तल मे पानी भरा है। प्रबंधन द्वारा समीप हीं ब्लास्टिंग की जा रही है। लोडर और पीसी मशीन द्वारा कोयले की कटाई की जा रही है। क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा परियोजना क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए करोड़ो की लागत से ग्रीन कॉटन बॉल लगाई गई थी, जो लगभग फट कर बर्बाद हो गई है।

बताया जाता है कि यहां हरिपाठ के परदे से बनाई गई दीवार पहले कोल माइल से उड़ती धूल को नहीं रोक सकी। इसमें लगाए गए परदे वहीं गिर गए। कहीं फट गए, तो कहीं उड़ गए। लगभग 10 से 12 फीट ऊंची हरे रंग की टाट की दीवार कारो परियोजना सहित कारो बस्ती से करगली गेट स्थित पीओ व करगली वाशरी कार्यालय, रीजनल अस्पताल करगली आदि में लगाई गई थी।

खदान में ब्लास्टिंग एवं ट्रांसपोर्टिंग के क्रम में उड़ती धूल से आसपास के क्षेत्रों के रहिवासियों को परेशानी होती है। इससे बचाव के लिए करोड़ों की लागत से ग्रीन कॉटेज वॉल की मंजूरी सीसीएल मुख्यालय के पर्यावरण विभाग की ओर से दी गई थी। ईएंडएम और सिविल विभाग के कार्यो मे सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर क्वालिटी और क्वांटिटी का ध्यान नही दिया जा रहा है।

इस बावत खान सुरक्षा महानिदेशालय कोडरमा जोन के निदेशक खान सुरक्षा (डीएमएस) एन पी देवरी ने कहा कि खदान को सुरक्षित ढंग से संचालित करनी है। उन्होंने कहा कि असुरक्षित ढंग से खदान संचालित होने की लिखित शिकायत मिलने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

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