गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर में स्थित जिला न्यायालय में करीव 2000 अधिवक्ता और 500 अधिवक्ता लिपिक कार्यरत हैं लेकिन न्यायालय परिसर में इन सभी के बैठने और कार्य करने का कोई भवन नही है। ले देकर जिला विधिज्ञ संघ वैशाली हरिपुर का एक छोटा सा भवन है। जिसमें 300 के करीब अधिवक्ताओं के बैठने की व्यवस्था है।
जानकारी के अनुसार बाकी के अधिवक्तागण और अधिवक्ता लिपिक न्ययालय परिसर स्थित अशोक के पेड़ के नीचे, रास्ते किनारे, जिसे जहाँ जगह मिली झोपड़ी डाल कर बैठ कर अपना पेशा गत कार्य कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि 24 मार्च वर्ष 2020 से कोरोना की वजह से लॉक डाउन की वजह से सबसे अधिक वकालत पेशा से जुड़े अधिवक्ताओं की आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई है।
न्यायालय का कार्य ठप्प रहने से न्यायार्थियों ने भी न्यायालय आना बन्द कर दिया है। हाजीपुर न्यायालय में 17 सब-जज न्यायालय में से 15 कोर्ट खाली है। जिसमें एक सब-जज अभी निलम्बित हैं। इससे भी न्यायालय का कार्य प्रभावित है।
संघ के युवा मुकेश रंजन, संजीव कुमार ने इस कोरोना काल में वकीलों का दर्द बयां करते हुए बताया कि न्यायालय का कार्य ठप्प होने की वजह से 90 प्रतिशत अधिवक्ता खासकर युवा अधिवक्ता फाका कशी के शिकार हैं।
इन 2 वर्षों के दौरान 200 से अधिक अधिवक्ता या उनका परिवार कोरोना के चपेट में आये। जिनमे 2 दर्जन अधिवक्ता इलाज के अभाव में स्वर्ग सिधार गए। वकीलों को सरकार से किसी तरह की कोई मदद नही मिली। न मुफ्त राशन या पैसा हीं। बार कॉउन्सिल की ओर से सभी अधिवक्ताओं को 2 हजार रुपया सहायता के नाम पर दिया गया।
जिले के अधिवक्ताओं की उपरोक्त समस्या के सम्बंध में जिला विधिज्ञ संघ वैशाली हरिपुर हाजीपुर के सचिव ने बताया कि जिला न्यायालय में जो न्यायिक पदाधिकारी का पद रिक्त है, के सम्बन्ध में कई एक बार उच्च अधिकारी को पत्र भेजा गया।
सचिव ने कोरोना काल में वकीलों की आर्थिक सहायता के प्रश्न पर संघ में संसाधन के अभाव का रोना रोते हुए बताया कि सदस्य की मृत्यु होने पर संघ की ओर से मृत सदस्य के परिवार को सहायता राशि दी जाती है। वर्तमान परिस्थिति में संघ की ओर से सदस्यों को आर्थिक सहायता देने में संघ पुरी तरह असमर्थ है।
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