एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। धरती आवा भगवान बिरसा मुंडा के समाधि स्थल से आदिवासी बचाओ मोर्चा एवं सिरमटोली बचाओ मोर्चा नेताओं को जबरन बस में बैठाकर नामकुम थाना ले जाना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।
उपरोक्त बातें आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने 9 जून को अपनी प्रतिक्रिया मे उक्त बाते कही।
उन्होंने कहा कि झारखंड की राजधानी रांची के सिरमटोली बचाओ मोर्चा और आदिवासी बचाओ मोर्चा के नेताओं की गिरफ्तारी और हेमंत सरकार की दमनकारी नीतियों की मंच कटु शब्दों में निंदा करता है। कहा कि मोर्चा के नेताओं के साथ भगवान बिरसा मुंडा के पवित्र समाधि स्थल पर झारखंड पुलिस द्वारा की गई धक्का-मुक्की और गिरफ्तारी की घटना न केवल आदिवासी समाज के धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं पर प्रहार है, बल्कि समाधि स्थल से नेताओं को जबरन नामकुम थाना ले जाना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।
यह दमनकारी कार्रवाई आदिवासी समाज के स्वाभिमान और उनके हक-अधिकारों पर सीधा हमला है।
आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष नायक ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि हेमंत सरकार, जो स्वयं को आदिवासी हितैषी होने का दावा करती है। बार-बार आदिवासी समाज की भावनाओं को कुचल रही है। हम झारखंड की जनता और सभी सामाजिक संगठनों से अपील करते हैं कि वे इस अन्याय के खिलाफ हमारा साथ दें।
41 total views, 41 views today