सन्तोष कुमार झा/मुजफ्फरपुर(बिहार)(Bihar)। केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान नहीं रहे। बेहद दुखद ख़बर है। पासवान बात व्यवहार में सज्जन नेता थे। प्रेस की आलोचनाओं और अनदेखियों के बीच सहज रहे और कभी किसी को घर से भगाया नहीं। उनकी राजनीति एक व्यक्ति की रही मगर उन्हें बड़ी भूमिका निभाने का मौक़ा नहीं मिला। पासवान के निधन की सूचना के बाद पुरे बिहार में शोक व्याप्त है।
पासवान जिस सामाजिक पृष्ठभूमि से आए थे वहाँ उनके लिए किसी तरह का सपोर्ट नहीं था। वे चलते चले गए और अपने आप को सत्ता और राजनीति के बीच बनाए रखा। यह भी बड़ी कामयाबी थी। कभी क्षेत्रीय राजनीति में प्रासंगिक होते रहे तो कभी राष्ट्रीय राजनीति में हमेशा प्रासंगिक रहे। अपने समय के बड़े नेताओं में से रहे। सबसे अधिक वोट से जीतने वाले सांसद भी हुए। पासवान को लेकर शिकायतें भी रहीं मगर राम विलास पासवान ने दिल में मलाल नहीं रखा। पासवान और आगे जा सकते थे मगर परिस्थितियाँ उनसे आगे निकलती चली गईं। राम विलास पासवान की बातें याद आती रहेंगे। मने, एथी, कथी, का कहते हैं कि। उनका देसी अंदाज़ में बोलना याद आएगा।
292 total views, 1 views today