संतोष कुमार/वैशाली (बिहार)। वैशाली जिला (Vaishali district) मुख्यालय हाजीपुर स्थित समाहरणालय में 23 जुलाई को एक अहम बैठक डीएम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। सम्पन्न बैठक में कई महत्तवपूर्ण योजनाओं की गहन समीक्षा किया गया।
समीक्षा सत्र में विशेष रूप से मौजूद जिला उप विकास आयुक्त (District deputy development commissioner) विजय प्रकाश मीणा के अलावा जिले के सभी जिला स्तरीय अधिकारी, अनुमंडल अधिकारी, बीडीओ, सीओ, सीडीपीओ आदि उपस्थित थे।
आयोजित बैठक में काफी देर तक अधिकारियों के बीच विभिन्न योजनाओं की अद्यतन स्थिति की विभागीय सूचनाओं के आधार पर समीक्षा हुई और जरूरी निर्देश भी संबंधित पदाधिकारियों को दिए गए।
वहीं आरटीपीएस आवेदनों की हालिया स्थिति की जब समीक्षा शुरू हुई तो जिलाधिकारी ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए प्रशासनिक एक्शन के तहत संबंधित अधिकारियों को यह निर्देशित करते हुए सचेष्ट किया गया कि अगर आरटीपीएस से जुड़े लंबित आवेदनों में किसी तरह की लापरवाही पाई गई तो अधिकारी को जुर्माना भरना होगा।
जिलाधिकारी उदिता सिंह द्वारा नल जल योजना में भी जिला पीएचडी प्रभारी को सख्त निर्देश दिया गया। उन्हें शीघ्र उन घरों को कनेक्ट करने को कहा गया, जहां अबतक योजना का लाभ नहीं मिल सका है।
समिक्षा बैठक में मुआवजे से वैशाली जिले में जुड़े आवेदनों की अद्यतन स्थिति क्या है, इसकी भी गहन समीक्षा किया गया। जिलाधिकारी ने उक्त बैठक में मौजूदा सभी तीनों अनुमंडल अधिकारियों को इस बावत निर्देशित किया गया।
बैठक में जिलाधिकारी ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए उपलब्ध जमीन आदि की समीक्षा भी तेज गति से करने का निर्देश दिया। बैठक में पीएम आवास योजना, लोहिया स्वच्छ भारत योजना, मनरेगा और जल जीवन हरियाली मिशन आदि अन्य सभी महत्तवपूर्ण योजनाओं को रफ्तार देने की कोशिश की गई।
इस अवसर पर पर कहा गया कि सभी पंचायतों में मेन रोड के दोनों किनारे पौधरोपण किए जाएंगे। जिसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी जिला पंचायती राज विभाग के अधिकारी को सौंपी गई। उधर किसानों के लिए भी एक खुशखबरी कही जा सकती है, कि बैठक में प्रधानमंत्री किसान निधि सम्मान योजना में शीघ्र अपलोडिंग का निर्देश देते हुए सीओ और वहां मौजूद सभी बीडीओ से कहा गया कि वे अपने अपने क्षेत्र में हुई फसल क्षति का आकलन कर रिपोर्ट सौंपे।
मालूम हो कि 23 जुलाई को हुई बैठक जिला स्तरीय मासिक बैठक थी। जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए। साथ ही अधिकारियों को योजनाओं के प्रति गम्भीर हो जाने का एक सख्त प्रशासनिक संकेत भी मिला।
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