प्रहरी संवाददाता/बगोदर (गिरिडीह)। तमाम कोशिशों के बाद अंततः दो महीने बाद हीरामन महतो का शव सऊदी अरब से कोलकाता बीते 11 फरवरी को रात को पहुंचा।
बताया जाता है कि कोलकत्ता से एम्बुलेंस से 12 फरवरी की शाम को शव को गिरिडीह जिला के हद में खेतको लाया गया। हीरामन का शव गांव पहुंचते ही परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। वही गांव में मातम सा माहौल है।
बताते चलें कि खेतको रहिवासी सुखदेव महतो के पुत्र हीरामन महतो की मौत बीते वर्ष 8 दिसंबर 2024 को हो गई थी। मृतक अपने पीछे पत्नी सोमरी देवी, पुत्री सुनीता कुमारी, सरिता कुमारी और पुत्र रामेश्वर कुमार, विजय कुमार समेत भरा पूरा परिवार को छोड़ गया है। इस मामले को लगातार मिडिया के माध्यम से सरकार से गुहार लगाने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली ने कहा कि झारखंड के गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग जिले की बड़ी आबादी देश विदेश में काम कर रही है।
ऐसे में मजदूर के साथ घटना होने के बाद मुआवजा मिलना एक बड़ी समस्या है। परिजन भी मुआवजा नहीं मिलने तक परेशान रहते हैं। ऐसे में महीनों तक मजदूरों का शव विदेश में पड़ा रहता है। मजदूरों के घरों में शव नहीं आने से उनके घर के चूल्हे शांत पड़े रहते हैं। परिजन हर दिन शव आने के इंतजार में रहते हैं और परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
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