एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। सांस्कृतिक संस्था त्रिवेणी कला केन्द्र पटना द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से बीते 18 मई से आयोजित दो दिवसीय संगीताचार्य पंडित हीरालाल मिश्र सम्मान एवं संगीत महोत्सव का 19 मई को विधिवत समापन हो गया।
बिहार की राजधानी पटना के प्रेमचंद रंगशाला में आयोजित समारोह में उपस्थित रंग कर्मियों तथा कलाकारों द्वारा एक से बढ़कर एक मंत्र मुग्ध करनेवाली प्रस्तुति दी गयी।
उक्त जानकारी देते हुए कलाकार साझा संघ के सचिव एवं प्रसिद्ध रंगकर्मी मनीष महीवाल ने बताया कि 19 मई को महोत्सव समारोह के समापन सत्र में दूरदर्शन केंद्र पटना के निदेशक राज कुमार नाहर, विशिष्ट अतिथि के रूप में पटना के सचिव कृष्णा निकेता, डॉ कुमार अरुणोदय सहित बिहार उच्च न्यायालय पटना के अधिवक्ता अंशुल कुमार पांडेय, संस्था के अध्यक्ष डॉ अजय कुमार, सचिव विजय कुमार मिश्रा तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। यहां सोमा चक्रवर्ती ने कार्यक्रम की उद्घोषणा की।
महीवाल ने बताया कि समापन दिवस 19 मई को मो. सलीम द्वारा बाँसुरी वादन की प्रस्तुति की गयी, जिसमे योगेश्वर मिश्र तबला पर संगत दे रहे थे। इसके बाद शान्तनु राय एवं संगीत पाठक द्वारा तबला एवं पखावज की जुगलबंदी पेश की गयी। इसमे संतोष कुमार हारमोनियम पर लहरा संगत कर रहे थे। इस वर्ष के महोत्सव की अंतिम प्रस्तुति प्रसिद्ध कत्थक नृत्यानंगना मानसी श्रीवास्तव एवं मो. शाहिद आलम द्वारा कत्थक नृत्य का प्रदर्शन किया गया।
महीवाल के अनुसार उक्त महोत्सव के विभिन्न प्रभारियों में प्रिंटिंग रॉबिन, प्रकाश देव कुमार, ध्वनि एवं विद्युत व्यवस्था अमित राज, प्रेक्षागृह व्यवस्था यशश्री मिश्रा, सूचना प्रभार अंजारूल हक व् आर्दश रंजन, प्रेक्षागृह सज्जा देवोश्री कुमारी, महोत्सव संयोजक विजय कुमार मिश्रा आभार लोक पंच, प्रेमचंद रंगशाला, बिहार संगीत नाटक अकादेमी, मृत्युंजय कुमार मिश्र, लीडर ऑटो सेल्स प्राइवेट लिमिटेड, महिंद्रा, श्रीराम स्कूल ऑफ़ कॉमर्स, आमंत्रित कलाकार एवं महोत्सव से जुड़े समस्त गणमान्य उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में संस्था के सचिव विजय कुमार मिश्रा ने सभी दर्शकों, आमंत्रित कलाकारों तथा महोत्सव से प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी कलाकारों तथा कार्यकर्ताओं को साधुवाद ज्ञापित किया तथा अगले वर्ष पुनः महोत्सव आयोजित करने की सूचना देकर इस वर्ष के संगीताचार्य पंडित हीरालाल मिश्र सम्मान एवं संगीत महोत्सव का समापन किया गया।
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