अवध किशोर शर्मा/सोनपुर (सारण)। कौनहारा महातीर्थ के उत्थान एवं सांस्कृतिक जागरण के लिए लगातार प्रयासरत मां तारा सेवा निधि के तत्वावधान में 5 फरवरी को माघ पूर्णिमा के अवसर पर यहां प्राचीन त्रिवेणी तट पर भव्य त्रिवेणी महाआरती का आयोजन किया गया।इस सांध्यकालीन महाआरती को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ आयी थी।
वैदिक मंत्रोच्चार एवं धर्म की जय हो उदघोष से सम्पूर्ण कौनहारा महातीर्थ गुंजायमान हो उठा। इस कार्यक्रम में संरक्षक महाकाल बाबा एवं मां तारा सेवा निधि के सभी प्रभारी गण निवेदिता, विपीन, अनिल हरदीप, बाला जी, जुही, अर्जुन, घोलटन, संजय, रजनीश सहित बड़ी संख्या में स्थानीय रहिवासियों ने अपनी भागीदारी निभायी।
महाआरती कार्यक्रम का उदघाटन रत्नेश कुमार ने किया जबकि मुख्य अतिथि बाबा साहब थे। त्रिवेणी महाआरती के पूर्ण होने पर मां तारा सेवा निधि द्वारा चलाए जा रहे निःशुल्क शिक्षा दान केंद्र बीते 4 फरवरी को साप्ताहिक भंडारा, नारायणी-गंगा स्वच्छता अभियान, आध्यात्मिक ध्यान, योग एवं कायाकल्प निदान में अपना अमूल्य समय देने वाले भक्तों को न्यास की तरफ से सम्मानित किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के प्रभारी द्वारा भक्तों को धन्यवाद देने के साथ संपन्न हो गया।
मां तारा सेवा निधि के अनुसार शास्त्रों में कोनहारा महातीर्थ को काशी और प्रयाग से बड़ा पुण्यदायक तीर्थ माना गया है। कौनहारा महातीर्थ की लुप्त होती गरिमा के संरक्षण के लिए मां तारा निधि सतत जागरूक होकर अभियान चला रही है।
पौराणिक, सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा ही इस संस्था का मूल उद्देश्य है। ताकि इस महातीर्थ की फिर से पहलेवाली गौरव मिल सके।
त्रिवेणी महाभारती को देखकर श्रद्धालुओं के मन में यह विश्वास हुआ कि अब कौनहारा महातीर्थ का उद्धार अवश्य होगा और एक दिन यह महातीर्थ भी काशी और हरिद्वार की तरह बनेगा।
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