ऑफिसर्स क्लब कथारा में त्रिपक्षीय क्षेत्रीय खान सुरक्षा समिति की बैठक सम्पन्न

एक दिन में दस हजाएकर टन से अधिक उत्पादन के लिए क्षेत्र के कामगार बधाई के पात्र-देवरी

बैठक में डीएमएस, डीडीएमएस व् आईएसओ अधिकारी रहे उपस्थित

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में आफिसर्स क्लब कथारा में 27 नवंबर त्रिपक्षीय क्षेत्रीय खान सुरक्षा समिति द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीसीएल कथारा क्षेत्र के महाप्रबंधक संजय कुमार तथा संचालन व् धन्यवाद ज्ञापन कथारा कोलियरी के प्रबंधक कृष्ण मुरारी द्वारा किया गया।

क्षेत्रीय खान सुरक्षा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत सामुहिक रुप से दीप प्रज्वलित कर व कार्पोरेट गीत के साथ किया गया। वही बीते एक वर्ष में हुए कोयला कामगारों के निधन पर एक मिनट का मौन रखकर मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गयी।

कार्यक्रम में उपस्थित खान सुरक्षा महानिदेशालय कोडरमा रीजन के निदेशक खान सुरक्षा एम. पी. देवरी, उप निदेशक खान सुरक्षा नरेश तेजावत, धनबाद से आये उप निदेशक विद्युत वीरेंद्र प्रताप, सीसीएल मुख्यालय रांची से आये आईएसओ अधिकारी मनीष मोहन, क्षेत्र के महाप्रबंधक संजय कुमार, महाप्रबंधक संचालन सी. बी. तिवारी तथा सीसीएल सेफ्टी बोर्ड सदस्य लखन लाल महतो को अंग वस्त्र तथा फूलो का गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया। मौके पर क्षेत्रीय सेफ्टी प्रबंधक राज कुमार वर्णवाल ने पिछले त्रिपक्षिय बैठक के मसौदे को रखते हुए उसमें किए गये अबतक सुधार को बताया।

इस अवसर पर डीएमएस कोडरमा रीजन एम. पी. देवरी ने कहा कि कथारा क्षेत्र द्वारा आज एक दिन में दस हजार नौ सौ तिहत्तर टन कोयला उत्पादन का रिकार्ड कायम किया है, यह सराहनीय है। तथा इसके लिए वे क्षेत्र के तमाम अधिकारी, कर्मचारी व् कोयला कामगारों को साधुवाद देते हैं। उन्होंने बताया कि बगल के ढोरी क्षेत्र में बीते दिनों हुए दुर्घटना मामले में जांच में पाया गया कि दुर्घटना में शामिल वाहन की वैलिडिटी वर्ष 2029 तक है, बावजूद इसके वाहन की स्थिति समुचित रख रखाव व् मरम्मति के फिजिकल पॉजिशन सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कोयला उत्पादन में लगे ठेका कंपनी के कामगारों के रहने के लिए कई जगह स्थिति ठीक नहीं है, इसे दुरुस्त करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि सीसीएल के नियमित कामगार के विपरीत आउटसोर्सिंग ठेका कंपनी के कामगारों के कार्यअवधि पर विशेष ध्यान देने तथा उन्हें मिलनेवाले छुट्टी अवधि का भी भुगतान कर उसका रिकार्ड रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा नियम का पालन करने से कार्य संस्कृति बना रहता है और सुरक्षित उत्पादन संभव हो पाता है। उन्हें विश्वास है कि क्षेत्र सुरक्षा नियमों में किसी प्रकार की कोताही नहीं करेगा।

क्षेत्र के महाप्रबंधक संजय कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि यूनियन प्रतिनिधियों द्वारा मैन पावर की कमी को दुर करने को लेकर गोबिंदपुर भूमिगत खदान बंद होने के बाद मुख्यालय से प्राप्त निर्देश के बाद वहां के मैन पावर से काफी हद तक कमी को दुर किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में मैकेनिकल व् इलेक्ट्रीकल सुपरवाइजर सहित माइनिंग सरदार की कमी है। जबकि ओभरमैन की कमी नहीं है।

उन्होंने गोबिंदपुर तथा जारंगडीह में बड़े पैमाने पर हो रहे कोयला चोरी को रोकने के लिए मुख्यालय से पत्राचार कर स्पेशल सीआईएसएफ की मांग की है। यदि सीआईएसएफ नहीं मिला तो 50 की संख्या में उपरोक्त स्थलों पर निजी सुरक्षा बल एसआईएसएफ लगाया जायेगा। क्षेत्रीय स्तर पर पीएमई की मांग के संबंध में उन्होंने कहा कि यह मुख्यालय स्तर का विषय है, बावजूद इसके वे इसके लिए प्रयास करेंगे।

वहीं ठेका मजदूर का बायो-मीट्रिक हाजरी को लेकर उन्होंने कहा कि इसके लिए संबंधित ठेका कंपनी को पहल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के महाप्रबंधक उत्खनन जे. एस. पैकरा के प्रयास से जल्द हीं क्षेत्र के गोबिंदपुर फेज टू के लिए मुख्यालय सात डंपर देने जा रही है।

जीएम ने असाध्य रोग पीड़ित कामगारों से अपील करते हुए कहा कि वे किसी भी हाल में दवा का सेवन करना न छोड़े, क्योंकि जान है तभी जहान है। कार्यक्रम में खदानों तथा मशीनों की सुरक्षा को लेकर डीडीएमएस (कोडरमा) नरेश तेजावत, डीडीएमएस (विद्युत) धनबाद वीरेंद्र प्रताप, आईएसओ रांची के अधिकारी मनीष मोहन आदि ने भी कई आवश्यक सुझाव दिए।

कार्यक्रम में क्षेत्र के तमाम श्रमिक संगठन के सुरक्षा समिति सदस्यों ने खदान क्षेत्र की स्थिति, कामगारों को मिल रहे सुरक्षा की स्थिति, मशीनों के रख रखाव के अलावे बीते वर्ष उनके द्वारा बताये गये सुझावों पर अमल नहीं होने को लेकर सवाल उठाया। क्षेत्रीय सुरक्षा समिति सदस्यों ने खदान के विभिन्न कमियों यथा खदान के हॉल रोड, बिजली की समुचित व्यवस्था, खदान में चलने वाले भारी वाहनों का रख रखाव, तमाम गाड़ियों में सेफ्टी बेल्ट की व्यवस्था, आउटसोर्सिंग कंपनियों मे सुरक्षा की कमियों, श्रमिकों की आवास की मरम्मती, बिजली की लचर व्यवस्था दुरुस्त करना आदि शामिल है।

यहां सीसीएल सेफ्टी बोर्ड सदस्य लखन लाल महतो के अलावा क्षेत्रीय सेफ्टी कमिटी सदस्य पी. के. जायसवाल, इम्तियाज खान, कामोद प्रसाद, बाल गोबिंद मंडल, निजाम अंसारी, इकबाल अहमद, बैरिस्टर सिंह, विनोद बाउरी, अवधेश कुमार, के. के. रवानी, बालेश्वर महतो आदि ने सवालिया निशान लगाए। श्रमिक संगठनों के सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब बारी बारी से तमाम परियोजना के संबंधित अधिकारियों ने दिया।

कार्यक्रम में उपरोक्त के अलावा महाप्रबंधक ऑपरेशन सीबी तिवारी, महाप्रबंधक उत्खनन जे. एस. पैकरा, महाप्रबंधक विद्युत एवं यांत्रिक विपिन कुमार, जारंगडीह के परियोजना पदाधिकारी विनोद कुमार, स्वांग तथा गोबिंदपुर फेज टू के परियोजना पदाधिकारी ए. के. तिवारी, कथारा वाशरी पीओ विजय कुमार, स्वांग वाशरी पीओ वी.मोहन बाबू, क्षेत्रीय प्रबंधक कार्मिक एवं प्रशासन जयंत कुमार, एसओ (पीएंडपी) अर्जुन कुमार प्रसाद, क्षेत्रीय सुरक्षा पदाधिकारी, सुनील कुमार गुप्ता, क्षेत्रीय सेफ्टी प्रबंधक राजकुमार वर्णवाल, क्षेत्रीय सर्वेयर देवोजीत मजूमदार, क्षेत्रीय चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एम एन राम, एसओ (एल एंड आर) देवनंदन प्रसाद, सीएसआर प्रबंधक चन्दन कुमार, कथारा कोलियरी प्रबंधक कृष्ण मुरारी, सेफ्टी प्रबंधक अनीस कुमार दिवाकर, जारंगडीह कोलियरी प्रबंधक सुनील कुमार यादव, आदि।

सेफ्टी प्रबंधक संतोष कुमार, स्वांग कोलियरी प्रबंधक मनोज कुमार, खान प्रबंधक गोविंदपुर अंडरग्राउंड अंजनी कुमार, सेफ्टी पदाधिकारी गोविंदपुर अशोक कुमार साहू, एमआरएस रेस्क्यू इंचार्ज अमरेश प्रसाद, रिशभ (सेफ्टी अधिकारी) कथारा, महाप्रबंधक के तकनीकी सहायक राहुल कुमार सिंह, परियोजना अभियंता विद्युत कन्हैया कुमार, आउटसोर्सिंग कंपनी बीकेबी के सुपरवाइजर अजय यादव, महाप्रबंधक कार्यालय सेफ्टी विभाग कर्मी जेपी शुक्ला, सुरेंद्र कुमार, निवारण केवट, भुनेश्वर रजवार, मयंक कुमार सहित अन्य कर्मी मौजूद थे।

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