प्रहरी संवाददाता/सारण (बिहार)। उत्तर बिहार के ख्याति प्राप्त जॉन्डिस (हेपेटाइटिस) रोग विशेषज्ञ आयुर्वेदाचार्य वैद्य दीपनारायण चौधरी की असामयिक निधन से आम जनता एवं आयुर्वेद जगत को अपूरणीय क्षति हुई है, जिसकी निकट भविष्य में भरपाई मुश्किल है।
सारण जिला के हद में रजिस्ट्री बाजार सोनपुर स्थित शंकर सदन के प्रांगण में 14 अप्रैल को वरिष्ठ साहित्यकार सुरेन्द्र मानपुरी की अध्यक्षता में आयोजित शोक सभा में वक्ताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपरोक्त बातें कही गयी। साहित्यकार मानपुरी ने कहा कि स्व. दीप नारायण चौधरी को भुलाया नहीं जा सकता। वे जोंडिस (हेपेटाइटिस बी) रोग के विशेषज्ञ वैद्य थे। जब बड़े -बड़े सरकारी अस्पतालों से रिजेक्ट होकर निराश मरीज और उसके परिजन इनके क्लिनिक पर पहुंचते तो सर्वप्रथम उनका भाव यही व्यक्त होता कि निराश होने की जरुरत नहीं सब ठीक हो जायेगा।
उनके दिलासा मात्र से मरीज और उनके परिजनों को आत्मिक संतुष्टि मिल जाती कि उनका मरीज ठीक होकर यहां से लौटेगा। होता भी यही था। उनके मार्गदर्शन और देखरेख में इलाज होता और गंभीर से गंभीर मरीज निरोग होकर अपने घर लौटते। वरिष्ठ साहित्यकार विश्वनाथ सिंह ने दिवंगत वैद्य चौधरी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर विशद रुप से प्रकाश डाला। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
सोनपुर अधिवक्ता संघ के महासचिव अभय कुमार सिंह ने कहा कि एक सफल वैद्य के रुप में वे सदैव स्मरणीय रहेंगे। पत्रकार शंकर सिंह ने कहा कि वे विनम्र स्वभाव, संत हृदय के नामी-गिरामी वैद्य थे। जॉन्डिस, हेपेटाइटिस सहित अनेक रोगों के निदान में उनको महारत हासिल था। वे योग्य वैद्य थे।
युग बोध के संयोजक अवध किशोर शर्मा ने कहा कि उन्होंने अपना महत्वपूर्ण मार्गदर्शक और अजीज खो दिया है। वे सदैव याद आएंगे।
विदित हो कि बीते 13 अप्रैल की रात्रि वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर के बागमली सीता चौक रहिवासी वैद्य दीपनारायण चौधरी की मृत्यु की खबर जैसे ही उनके जाननेवालो के कानों में पहुंची, सभी सन्न रह गए। अभी तक हजारों की संख्या में गंभीर रुप से आक्रांत जॉन्डिस व् हेपेटाइटिस बी के रोगियों का दिवंगत द्वारा सफलता पूर्वक इलाज किया गया है।
101 total views, 1 views today