सबलपुर बभनटोली में शहीद रामवृक्ष ब्रह्मचारी की श्रद्धांजलि सभा आयोजित

अमर शहीदों की सोंच को आज जिंदा रखने की जरुरत-नंदकिशोर यादव

प्रहरी संवाददाता/सारण (बिहार)। विधानसभा अध्यक्ष ने सारण जिला के हद में सोनपुर अंचल के सबलपुर दियारे के बभनटोली स्थित मध्यवर्ती पंचायत भवन के परिसर में शहीद रामवृक्ष ब्रह्मचारी की 79वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि में पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

विधान सभाध्यक्ष नंद किशोर यादव ने 30 अगस्त को यहां कहा कि देश के अमर शहीदों ने जिन मूल्यों के लिए संघर्ष किया और प्राण त्यागे आज उनकी सोंच और विचार को जिंदा रखने की जरुरत है।

उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए आजादी आंदोलन के उस दौर का जिक्र करते हुए कहा कि तेरा वैभव अमर रहे मां हम दिन चार रहें न रहें उस समय सभी क्रांति पुत्रों का यह मूल मंत्र था जो अंग्रजों के खिलाफ उन्हें एकजुट होने, आंदोलन करने और उन्हें देश से बाहर करने के लिए सदैव ऊर्जा प्रदान करता रहा।

उन्होंने खाजेकलां बम कांड का जिक्र करते हुए कहा कि बाद में यह पटना बम कांड के नाम से मशहूर हुआ, जिसमें अन्य क्रांतिकारियों के साथ शहीद रामवृक्ष ब्रह्मचारी भी गिरफ्तार हुए थे। उन्होंने कहा कि जब उन्हें पता चला कि रामवृक्ष ब्रह्मचारी का संबंध खाजेकला बम कांड से है तो उनकी उत्सुकता शहीद के गांव सबलपुर आने के लिए बढ़ गई।

उन्होंने कहा कि खाजेकलां बम कांड उनकी जन्मभूमि से जुड़ा है। पहले उन्हें भी रामवृक्ष जी के बारे में पता नहीं था, जब धर्मनाथ शर्मा ने इसका जिक्र किया तो उनकी उत्सुकता बढ़ गई। उन्होंने खाजेकलां बम कांड के राघो प्रसाद, रामबाबू यादव, देवकी नंदन मिश्र, मुनिलाल आदि सभी क्रांतिकारियों का जिक्र किया।

इसी बम कांड में सबलपुर के युवक रामवृक्ष ब्रह्मचारी को गिरफ्तार किया गया था। कहा कि ऐसे अनगिनत क्रांतिकारियों ने भारत माता के पैरों में पड़ी बेड़ियों को काटने के लिए अपनी शहादत दी, जिनका इतिहास में कहीं स्थान नहीं है। इतिहास इस बात का गवाह है कि इतिहास विजेता का लिखा जाता है। दुर्भाग्य यह रहा कि इतिहास लिखने वालों ने महाराणा प्रताप को इतिहास में गौण कर दिया और अकबर को महान बना दिया।

विधान सभाध्यक्ष ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों ने जिन मूल्यों के लिए प्राण त्यागे, संघर्ष किया उनकी सोंच और विचार को आज हमें जिंदा रखने की जरूरत है।
समारोह के मुख्य वक्ता महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के पूर्व अतिथि प्रोफेसर राघव शरण शर्मा ने कहा कि अंग्रजों ने भारत में पैर पसारते ही फूट डालो राज करो की नीति अपनाई।

कई पार्टियों और संस्थाओं के जन्मदाता या उत्प्रेरक अंग्रेज रहे। इन्हीं परिस्थितियों में देश के विभिन्न भागों में अंग्रजों के खिलाफ विद्रोह और आंदोलन शुरु हुए। इन्हीं परिस्थितियों के बीच रामवृक्ष ब्रह्मचारी का जन्म हुआ। उन्होंने कहा कि उस समय राजनीति में तीन धाराएं चल रहीं थीं, उनमें क्रांतिकारी राष्ट्रवाद, किसान आंदोलन एवं समाजवाद शामिल है।

बिहार प्रदेश उदासीन महामंडल के अध्यक्ष व् लोक सेवा आश्रम के व्यवस्थापक संत बाबा विष्णु दास उदासीन ने उपस्थित जनसमूह को अपना आशीर्वचन दिया। इससे पूर्व विधान सभाध्यक्ष ने शहीद ब्रह्मचारी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि की।

इनके साथ महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्व विद्यालय के पूर्व अतिथि प्रोफेसर राघव शरण शर्मा, संत विष्णु दास उदासीन मौनी बाबा, पूर्व मंत्री डॉ महाचंद्र प्रसाद सिंह, भाजपा अनुशासन समिति के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप, प्रसिद्ध समाजसेवी अनिल सिंह गौतम, भाजपा प्रवक्ता उपेन्द्र सिंह, सांसद प्रतिनिधि राकेश कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में अतिथियों ने माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

समारोह का उद्घाटन बिहार विधानसभा अध्यक्ष यादव ने दीप प्रज्वलित कर किया। जिसमें सभी अतिथियों की सहभागिता रही। उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय सबलपुर मध्यवर्ती की छात्राओं ने अपने स्वागत गान से अतिथियों का स्वागत किया। सबलपुर के चारों पंचायत के मुखिया और उनके प्रतिनिधियों ने विधानसभा अध्यक्ष सहित मंचासीन अतिथियों को अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ प्रदान कर स्वागत किया, जिसमें विकास सिंह, दिनेश राय, त्रिभूवन राय तथा दया शंकर राय शामिल हैं।

स्वागत भाषण समाजसेवी धर्मनाथ शर्मा ने किया।अध्यक्षता शिक्षाविद सच्चिदानंद शर्मा और मंच संचालन अविनाश शर्मा कर रहे थे।समारोह को पूर्व विधायक विनय कुमार सिंह, पूर्व मंत्री डॉ महाचंद्र प्रसाद सिंह, महेन्द्र प्रताप, विजय कुमार शर्मा, ब्रज किशोर शर्मा, दया शंकर राय, दिनेश राय, पूर्व मुखिया दीपक शर्मा ने भी सम्बोधित किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन अविनाश शर्मा ने किया।

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