एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। बिहार की राजधानी पटना के राजेंद्र नगर में स्थित प्रेमचंद रंगशाला में 23 नवंबर की संध्या जनजातीय गायन व् कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। उक्त जानकारी तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव इंद्रधनुष के मीडिया सलाहकार व् प्रसिद्ध कलाकार मनीष महीवाल ने दी।
महीवाल ने बताया कि पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (ईजेडसीसी), कोलकाता पश्चिम बंगाल, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी), प्रयागराज उत्तर प्रदेश तथा कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार के संयुक्त तत्वावधान में बीते 22 से 24 नवम्बर को पटना के प्रेमचंद रंगशाला में प्रतिदिन सायं 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव इंद्रधनुष का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे हरियाणा, राजस्थान, उड़ीसा, असम, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा बिहार के लोक गीत एवं लोक नृत्यों की प्रस्तुति की जा रही है।
साथ हीं हस्तशिल्प मेला, खान- पान मेला, पारंपरिक पहनावा प्रदर्शन, चित्रकला कार्यशाला एवं रंगोली प्रदर्शन आदि कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। महीवाल के अनुसार इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना है तथा पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के इस सिग्नेचर फेस्टिवल में भारत के लगभग 400 लोक आदिवासी कलाकार और 10 छोटी हस्तशिल्प दुकानों में 40 शिल्पकार भाग ले रहे हैं।
उन्होंने बताया कि महोत्सव के दूसरे दिन 23 नवम्बर को बाह्य परिसर में आरा के कलाकारों द्वारा जनजातीय गायन की प्रस्तुति की गयी तथा मुख्य मंच पर कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि के रूप में बिहार सरकार के उप मुख्यमंत्री एवं कला, संस्कृति व् युवा मामलों के मंत्री विजय कुमार सिन्हा एवं निदेशक, कला, संस्कृति एवं युवा विकास विभाग बिहार सरकार रूबी, सचिव बिहार संगीत नाटक अकादमी अनिल कुमार सिन्हा उपस्थित थे।
इस अवसर पर सबेरा कला केंद्र के सौजन्य से सभी राज्यों के कलाकारों द्वारा समवेत नृत्य पेश किया गया, जिसका निर्देशन राजीव कुमार रॉय ने किया। इसके बाद असम के राजीव कलिता के दल द्वारा बिहू नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसमे देबजीत दास, राज नाथ, अनूप मजुमदार, दीपज्योति नाथ, जिन्तु दास, नुपुर देका, सुदर्शन बनिया, करुणा कान्त कलिता, हिरामोनी कलिता, करिश्मा भुयान, जोनाली दास, सेवजी देवी, बिजुली दास एवं ध्रितिश्मिता सरनिया ने भाग लिया।
वहीं मध्य प्रदेश की निधि चौरसिया के दल ने बधाई लोक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसमे हेमंत, नीलम, निधि, गजेन्द्र, नेहा, निकिता, खुशबू, संतोषी, प्रतीक, अंकित, पीयूष, शरद, यशवंत, रुपेश तथा नीलेश ने भाग लिया। तदुपरान्त सभी राज्यों के कलाकारों ने मंच पर पारंपरिक परिधानों का प्रदर्शन किया। इसके बाद उत्तर प्रदेश के दल ने लोक नृत्य की प्रस्तुति की तथा राजस्थान की अंजना कुमावत के दल ने घूमर नृत्य पेश किया, जिसमे पूजा नरुका, आकांक्षा कुमावत, निशा, कृष्णा मालाकार, कशिश मालाकार, दिनकल, शिमाला जाट, रेखा देवी, अमृता कुमावत, राधे श्याम, मुकेश कुमार, गोपाल, रामलाल एवं हिम्मत शामिल थे।
इस अवसर पर हरियाणा के कामिल एंड ग्रुप ने घूमर नृत्य पेश किया, जिसमे जावेद, नीरज, साहिल, आकाश, नूरी, मोहित, सूबे सिंह, शमशेर, अंकुश, निधि, रितिका, कुसुमलता, ब्यूटी एवं नेहा शामिल थे। इसके बाद उड़ीसा के अरुण कुमार सुना के दल द्वारा एकतारा कला केंद्र ने जनजातीय नृत्य धाप को पेश किया, जिसमे उनके साथ दीपक कुमार जल, रेनुरंजन बाग, उपेन बीसी, छोटू कुमाबगर, जोगेश जल, अमिन हरपाल, बिकी कुम्भर, राहुल जल, कालिया नंदा, मायाधर खरसेल, रेनू नाइक, सपना लुहार, प्रीति सिदुरिया, संजन सुना, सीता माझू एवं सुचित्रा दास शामिल थे। अंत में राधा सिन्हा एवं ग्रुप द्वारा बिहार के गाथा गायन की प्रस्तुति के बाद कार्यक्रम का समापन किया गया।
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