फिरोज आलम/जैनामोड़ (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में चास प्रखंड अन्तर्गत कनारी पंचायत के बरुवाटांड़ में 30 सितंबर को आदिवासी सेंगेल अभियान द्वारा झारखंड के सीएम का पुतला दहन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय आदिवासी समुदाय के रहिवासी उपस्थित थे।
जानकारी के अनुसार आदिवासी सेंगेल अभियान के तत्वावधान में कनारी पंचायत सेंगेल परगना राखो किस्कू के नेतृत्व में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके साथ शामिल प्रतिनिधिमंडल के नेताओं का पुतला फुंका गया। साथ हीं उपस्थित नेताओं ने सीएम (CM) पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया।
मौके पर मौजूद बोकारो जिलाध्यक्ष सुखदेव मुर्मू ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड से दिल्ली गई विभिन्न दलों के प्रतिनिधिमंडल ने बीते 26 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर सरना धर्म कोड के मामले को नहीं उठाना।
यह भारत के प्रकृति पूजक 15 करोड़ आदिवासी समाज के साथ एक बड़ा धोखा है। जबकि पहले जाति जनगणना के साथ सरना धर्म कोड के मामले को उठाने की घोषणा की गई थी।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार बारं बार आदिवासी समाज के साथ धोखा कर रही है।
संविधान विरोधी टीएसी की बैठक भी एक धोखा है। टीएसी की नियमावली पर राज्य के राज्यपाल को गौर करना चाहिए था। लगता है इसकी अवहेलना किया गया है। यह बर्तमान टीएसी पांचवीं अनुसूची की धारा 4 (3) का उल्लंघन और अतिक्रमण है।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने इस साल 23 मार्च को झारखंड विधानसभा में लैंड पूल बिल पास कर सीएनटी/एसपीटी कानून को छेद कर नगरों के चारों तरफ 10 किलोमीटर के रेडियस में जमीन लूट की छूट पूंजीपतियों को दे दिया है। जिनके साथ 27-28 अगस्त को दिल्ली में ₹10 हजार करोड़ का एमओयू कर लिया है।
उन्होंने कहा कि झारखंडी स्थानीयता नीति, नियोजन नीति और न्यायपूर्ण आरक्षण नीति आदि का मामला अब तक लंबित है। जो झारखंडी आत्मा की तरह है। आज बिन आत्मा के शरीर की तरह झारखंड के करोड़ों आदिवासी भटक रहे हैं।
पुतला दहन कार्यक्रम में सेंगेल माझी उपेन्द्र हेंब्रम, कालीचरण किस्कू, संजूल मुर्मू, महेश सोरेन, विन्तोष टुडू, रासीक हेम्ब्रम, पीताम्बर सोरेन, विजय किस्कू, नागेश्वर मुर्मू, विरेन्द्र सोरेन, विनोद हेंब्रम, शिवधन सोरेन आदि मौजूद थे।
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