आदिवासियों ने एनजीओ तारे जमीन पर फाउंडेशन का किया उद्घाटन

फाउंडेशन में आदिवासी माहौल के साथ वस्तुएं कम कीमत पर मिलेगी-कश्यप

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। एशिया महादेश के सबसे बड़े वन क्षेत्र व् सारंडा की गोद में रहने वाले आदिवासियों ने एनजीओ के माध्यम से तारे जमीन पर फाउंडेशन का उद्‌घाटन बीडीओ अनुज बाण्डो के मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देशानुसार किया।

उद्‌घाटन कार्यक्रम की अगुआई 14 सितंबर को पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में गुवा न्यू कॉलोनी निवासी कुमार कश्यप ने पुष्पा मंहता की अध्यक्षता में की। कार्यक्रम में शिक्षक राजवीर सिंह एवं आशुतोष शास्त्री धर्म गुरु के वैदिक मंत्रोच्चारण पर आदिवासी गांव ठाकुरा एवं नुईयां के रहिवासियों के साथ हवन कर पर्यावरण को शुद्ध किया।

मौके पर राजवीर सिंहं ने बताया कि एशिया महादेश के सबसे बड़े वन क्षेत्र सारंडा की गोद में बसे गुआ में घूमने तो सब लोग आना चाहते हैं।अब पर्यटकों के लिए भी बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है। कारो नदी के किनारे बने कॉटेज (कुटिया) में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रात्रि विश्राम का आनंद ही कुछ और होगा।

कहा गया कि गुवा न्यू कॉलोनी निवासी कुमार कश्यप ने तारे जमीन पर फाउंडेशन स्थापित कर एक महान कार्य किया है। जिसमें दूर दराज से आकर सैलानी यहां की वादियों का लुफ्त उठा सकते हैं। कुमार कश्यप ने कहा कि योग, जैविक खाद्य पदार्थों के सुस्वादु भोज्य व कृषि का प्रशिक्षण पाकर गुआ घूमने का आनंद सबसे अलग होगा। पूरा आदिवासी वातारण गांव जैसा माहौल के साथ साथ वस्तुएं बहुत कम कीमत पर मिलेगी।

कार्यक्रम के शुरुआत में आदिवासी पूजा, आदिवासी स्वागत गीत और दीप प्रज्जवलन कर किया गया। स्वागत भाषण प्रशांत चांपिया के बाद तारे जमीन पर फाउंडेशन की आवधारणा और उद्देश्य पर आशुतोष शास्त्री ने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन के तहत प्रकृति पूजा पर नृत्य, आदिवासी जंगल रखवाला नृत्य के साथ – साथ भगवान बिरसा मुण्डा के उलगुलान पर नाटक के साथ झारखंड का सौंदर्य पर नृत्य की प्रस्तुति की गई।

मंच संचालन शिक्षिका आंकक्षा सिंह द्वारा करते हुए दर्जनों क्षेत्रीय रहिवासियों को गुलाब पंखुडी से सम्मानित किया गया। धन्यवाद झापन ठाकुरा निवासी मदन चाॅपिया द्वारा दी गई।अन्त में शांति पाठ राजवीर सिंहं के द्वारा कर कार्यक्रम समाप्ति की घोषण की गई।

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