अनपति देवी विद्या मंदिर में त्रि-दिवसीय आचार्य वार्षिक कार्यशाला का समापन

एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में अनपति देवी सरस्वती शिशु विद्या मंदिर फुसरो में विद्यालय स्तरीय 28 मार्च से 30 मार्च तक चले त्रि-दिवसीय आवासीय आचार्य वार्षिक कार्यशाला का समापन धूमधाम से किया गया।

तीन दिनों तक चले कार्यशाला में विद्यालय के सभी आचार्य, दीदी विद्यालय में ही रहकर विद्यालय में चलने वाले वर्ष भर के सभी क्रियाओं की योजना बनाने का काम किए, ताकि भैया बहनों के उज्जवल भविष्य को बनाने में कोई बाधा उत्पन्न न हो। कार्यशाला में लगभग 32 आचार्य दीदी एवं कर्मचारी बंधु भगिनी ने भाग लिया।

प्रथम दिन के प्रथम सत्र के उद्घाटन सत्र में विद्यालय के अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा, अरविंदो सोसायटी के अध्यक्ष मधुसूदन प्रसाद सिंह एवं प्रधानाचार्य पंकज कुमार मिश्रा ने वंदना स्थल पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तत्पश्चात प्रधानाचार्य ने अतिथियों का ससम्मान परिचय करवाया।

इस अवसर पर मधुसूदन प्रसाद सिंह ने आचार्यों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी इच्छाएं असिमित है और हमारा मन उन इच्छाओं की पूर्ति करने में सदा विचलित रहता है। अतः हमें अपने मन को सिर्फ परमात्मा में समाहित कर एकाग्र करना है। क्योंकि अंत में हमें उसी परमात्मा में विलीन हो जाना है। अतः यह योग से संभव है।इसलिए करें योग रहें निरोग। द्वितीय सत्र में सभी अभिलेखों को व्यवस्थित किया गया एवं विभिन्न विभागों की पंजी को अद्यतन किया गया।

तृतीय सत्र में विद्यालय के सचिव अमित कुमार सिंह ने आचार्यों, भैया बहनों एवं अभिभावकों के विकास के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं बनाए एवं क्रियान्वयन हेतु खाका तैयार किया गया। उन्होंने कहा कि समय के साथ हमें अपने आपको अपग्रेड करना होगा। तभी हम समाज के पथ प्रदर्शक बन सकते है। चतुर्थ सत्र में आगामी सत्र हेतु आचार्य भारती का गठन, दिवसाधिकारी का निर्धारण तथा सभी के दायित्वों पर चर्चा की गई। इसके अलावे शुन्य कालांश में प्रतिदिन के विषयों पर चर्चा तथा सभी का अभ्यास कराया गया।

एकाग्रता-श्रोत में वर्णित महापुरुषों, देवियों की चर्चा की गई। पंचम सत्र में विद्यालय के कोषाध्यक्ष दीपक कुमार अग्रवाल ने विद्यार्थी आचार्य ओर अभिभावक के विषय में चर्चा की। प्रांतीय कार्य-योजना एवं शैक्षिक पंचांग (सत्र 2025-26) के विषयों पर चर्चा एवं क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया। (सत्र 2025-26) के संकुल की योजनाओं पर भी चर्चा की गई। अभिभावक गोष्ठी एवं अभिभावक संपर्क की योजना बनाई गई तथा मातृ सम्मेलन, माता-पुत्री संवाद गोष्ठी, दादा-दादी, नाना-नानी सम्मेलन, पूर्व आचार्य, अभिभावक सम्मेलन आदि आयोजित करने हेतु तिथि/माह निर्धारित की गई।

द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में विद्यालय की आचार्या मिशा कुमारी द्वारा इसीसीई अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन पर जानकारी साझा की, जिसमें शिशु शिक्षा के 12 आयाम एवं विद्याओं पर चर्चा किया गया। द्वितीय सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में रवींद्र सिंह पूर्व प्राचार्य बीडीए कॉलेज पिछरी ने हिंदी की महत्ता और आचार्य गुरु की श्रेष्ठता की बात कही। तृतीय सत्र में वर्ष भर के लिए समय सारणी निर्माण की क्रिया संपादित हुई। चतुर्थ सत्र में अखिलेश सिंह प्राचार्य भूषण +2 हाई स्कूल नावाडीह मुख्य रूप से उपस्थित हुए।

जिन्होंने टीएलएम, पीएलएम एवं टीएलई में महत्व और उपयोगिता पर प्रकाश डालने का काम किए। पंचम सत्र में प्रधानाचार्य कस्तूरबा श्रीविद्या निकेतन रण सुमन सिंह द्वारा टीएलएम कैसे बनाएं, उसकी सार्थकता और उपयोगिता पर विशेष चर्चा सत्र चला। उन्होंने विद्या भारती के पंच पदीय शिक्षा अधिति, बोध, अभ्यास, प्रयोग, प्रचार की विस्तृत जानकारी दी।

तृतीय दिवस 30 मार्च को विद्यालय में नव वर्ष मंगलमय हो के नारे के साथ वर्ष प्रतिपदा उत्सव मनाया गया। जिसमें कक्षा द्वितीय से नवम तक के लगभग 300 भैया बहनों ने भाग लिया। जयघोष के साथ पथ संचालन की क्रिया संपादित हुई। जिसमें डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार और विक्रम संवत् के नारों का शोर पूरे फुसरो नगर को उल्लासित कर रहा था। कार्यशाला के समापन सत्र में मुख्य रूप से सचिव कस्तूरबा श्रीविद्या निकेतन धीरज कुमार पांडेय, स्थानीय विद्यालय के उपाध्यक्ष रामनरेश द्विवेदी, फुसरो नगर के संघ संचालक प्रदीप भारती एवं शंकर भदानी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

अपने आशीर्वचन में सचिव पांडेय ने विद्या भारती के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 1952 में पहला शिशु मंदिर गोरखपुर में स्थापित होने के साथ आज यह एक वट वृक्ष के रूप में हजारों की संख्या में पूरे भारत में फैला हुआ है। जिसके हम सभी अंग हैं। उपाध्यक्ष रामनरेश द्विवेदी ने कहा कि देश सेवा और भैया बहनों के उज्जवल भविष्य के निमित्त हम यह कार्यशाला कर रहे हैं। जिसके जरिए भैया बहनों के विकास की योजनाओं को लेकर हम सभी यहां उपस्थित हुए हैं। तीन दिनों तक चले इस कार्यशाला में आपके द्वारा अर्जित की गई ज्ञान का लाभ भैया बहनों को अवश्य मिलेगा।

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य पंकज कुमार मिश्रा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। वंदे मातरम के पश्चात कार्यशाला का समापन किया गया। समापन कार्यक्रम में मुख्य रूप से नवल किशोर सिंह, साधन चंद्रधर, राकेश कुमार सिंह, दिवाकर पांडेय, रवि कुमार सोनी, किशोर कुमार, रवि कुमार मोदी, रंजीत कुमार यादव, उमाशंकर, रंजू झा, निभा सिन्हा, भगवंती नोनिया, श्रेया बरनवाल, मिशा कुमारी, अणिमा कुमारी, मुस्कान कुमारी, पायल कुमारी, पूजा कुमारी, श्वेता शर्मा, अपर्णा कुमारी एवं सभी कर्मचारी बंधु भगिनी मुख्य रूप से उपस्थित थे।

एक अन्य जानकारी के अनुसार 30 मार्च को सरस्वती शिशु विद्या मंदिर स्टाफ क्वार्टर ढोरी में हिन्दु नव वर्ष धूमधाम से मनाया गया तथा वार्षिक परीक्षाफल भी घोषित किया गया। प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान लानेवाले भैया बहन को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। सर्वाधिक प्रतिशत लाने वाला कक्षा प्रभात के भैया अनुभव राज और सर्वाधिक उपस्थिति लाने वाली बहन तन्नु कुमारी को भी पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में विद्यालय के अध्यक्ष ओम शंकर सिंह, समिति सदस्य अंजली कुमारी, प्रधानाचार्य परमानन्द सिंह, आचार्य और दीदी रेणु सिंह, विजय उपाध्याय, इन्द्रजीत सिंह, संजय पांडेय, सुषमा कुमारी, मंजु कुमारी, जगदीश महतो, प्रमेन्द्र सिन्हा, पूजा चक्रवर्ती, प्रेरणा सिंह, सुनील कुमार, राखी मजूमदार, रजत कुमार, जयंतिका कुमारी आदि उपस्थित थे।

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