केंद्र सरकार द्वारा तीन वर्षीय गरिमा परियोजना प्रशिक्षण सम्पन्न

प्रशिक्षण 5 से 9 फरवरी तक ब्लाक विशेष पर्सनल सोशल डेवलपमेंट का सामाजिक मनोविज्ञान विश्लेषण विषय पर दिया गया।                                                           कसमार एवं जरीडीह प्रखंड के कुल 27 बीआरपी एवं एसडी ने भाग लिया                                                  एस.पी.सक्सेना/बोकारो। केंद्र सरकार (Central government) द्वारा तीन वर्षीय गरिमा परियोजना प्रशिक्षण 9 फरवरी को जेएसएलपीएस कार्यालय के सभागार में सम्पन्न हुआ। इसका उद्देश्य सामाजिक कुरीतियों एवं डायन प्रथा मुक्त झारखंड राज्य बनाना है। ग्रामीण क्षेत्र से महिला मुद्दों पर सुदृढ़ होकर कार्य करने के संदर्भ में जेएसएलपीएस (JSLPS) द्वारा जिला में प्रशिक्षण सेंटर पर 5 से 9 फरवरी तक ब्लाक विशेष पर्सनल सोशल डेवलपमेंट का सामाजिक मनोविज्ञान विश्लेषण विषय पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था। उक्त प्रशिक्षण कार्यशाला में जिला के कसमार एवं जरीडीह प्रखंड के कुल 27 बीआरपी एवं एसडी ने भाग लिया।

प्रशिक्षण के दौरान कानूनी परामर्श के संदर्भ में हुमन रिसोर्स नेटवर्क झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता सोनल तिवारी एवं अनूप कुमार तथा सिविल कोर्ट के अधिवक्ता रोहित ठाकुर एक्टिविस्ट गुलाब चंद्र एवं पल्लवी प्रतिभा द्वारा विभिन्न सामाजिक कुरीतियों जैसे- घरेलू हिंसा, डायन प्रथा, यौन शोषण, बाल विवाह, मानव तस्करी, साइबर अपराध, पोस्को एक्ट, जनहित याचिका के लिए पत्र लिखने के तरीके एवं ऑन लाइन प्राथमिकी दर्ज / शिकायत इत्यादि हेतु कानून से अवगत कराया गया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहे सामाजिक कुरीतियों को दूर करते हुए एक परामर्श के रूप में कार्य कर पाए। साथ ही पीड़िता को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया एवं किस पीड़िता को कितने मुआवजा का प्रावधान है इसकी जानकारी दी गई। इस अवसर पर खेलकूद एवं चलचित्र के माध्यम से प्रतिभागियों को जागरूक किया गया। जिससे उन पीड़िताओं के मनोदशा एवं समाज का पीड़िताओं के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव लाया जा सके।
प्रशिक्षण के दौरान यूनाइटेड नेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम शाहिद इकबाल द्वारा पीड़िताओं के मनोसामाजिक विश्लेषण जैसे मानसिक स्थिति, मानसिक स्वास्थ्य, मानसिक रोग के कारण एवं लक्षण पर चर्चा हुई। बताया गया कि मानसिक रोग किसी भी अन्य रोग की भांति सामान्य रोग है। गंभीर मानसिक रोगियों से लोगों को किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करते हुए इनका इलाज वैज्ञानिक पद्धति से करना चाहिए। साथ ही प्रतिभागियों के क्षेत्र में उनकी भूमिका एवं जिम्मेदारी के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण के दौरान जिला मिशन प्रबंधन इकाई बोकारो की जिला कार्यक्रम प्रबंधक अनीता केरकेट्टा, राज्य मिशन प्रबंधन इकाई सह कार्यक्रम प्रबंधक सामाजिक विकास निलेश सिंह, स्वेतलाना सिन्हा, नूपुर एक्का, शिखा कश्यप आदि उपस्थित थी।

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