प्रेमचंद्र रंगशाला में तीन दिवसीय उदय शंकर नृत्य महोत्सव संपन्न

बिहार के लोक नृत्यों में पूरे बिहार की झलक दिखती है-मेजर जनरल ए एस बजाज

एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। संगीत, नृत्य एवं नाट्य संस्था सुरांगन एवं संस्कार भारती पटना के संयुक्त तत्वावधान में बिहार की राजधानी पटना स्थित प्रेमचंद्र रंगशाला में 15 दिसंबर से 17 दिसंबर तक उदय शंकर नृत्य महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन विशिष्ट अतिथि के तौर पर नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) पटना के एडिशनल डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल ए एस बजाज, प्रसिद्ध चिकित्सक पद्मश्री जितेंद्र सिंह एवं राष्ट्रीय फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम उपस्थित थे।

इस अवसर पर मेजर जनरल बजाज ने कहा कि यह एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें सभी कलाकार भारतीय नृत्य शैली को सीखते और समझते भी हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की नृत्य शैली पूरे राष्ट्रीय स्तर पर एक अनूठी नृत्य शैली है। बिहार के लोक नृत्यों में पूरे बिहार की झलक दिखती है। कहा कि नृत्य अपने भाव को दिखाने का भी एक अच्छा माध्यम है।

पद्मश्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि कला का प्रभाव मन, मस्तिष्क और हृदय पर पड़ता है। कला से सकारात्मक संचार होता है। कला से आपके अंदर एक नई ऊर्जा जागृत होती है। उन्होंने कहा कि आपको सदैव स्वस्थ रहना है तो कला के किसी भी विधा को साथ लेकर चलना होगा। विनोद अनुपम ने कहा कि कला के माध्यम से नई पीढी को जोड़ने की कोशिश हमेशा होनी चाहिए। कहा कि समय की मांग के अनुरूप नृत्य शैली में बदलाव होते रहा है। लोक नृत्य को सम्मान से देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नृत्य भी एक महत्वपूर्ण शिक्षा है। बिहार के लोक नृत्यों को राष्ट्रीय पहचान मिले, इसके लिए हमसबको मिलकर आगे आना होगा।

इस अवसर पर अतिथियों के स्वागत एवं उद्बोधन के बाद नृत्यों की प्रस्तुति की गयी। कार्यक्रम के अंतिम दिन पहली प्रस्तुति अंतरराष्ट्रीय स्तर की हुई, जिसमें के. सृष्टि ग्रुप लंदन द्वारा सेवेंस की प्रस्तुति की गयी। इसके तहत भरत नाट्यम और कथक नृत्य के साथ लाइव संगीत प्रस्तुत किया गया, जिसे ब्रिटेन की प्रसिद्ध कोरियोग्राफर नीना राजरानी एमबीई ने निर्देशित किया। यह प्रस्तुति सात नर्तकियों द्वारा सप्तपदी पर आधारित हिंदू विवाह संस्कार को दिखाता है। जिसमें प्रत्येक कदम पर यह जोड़ा एक वचन लेता है। यह प्रस्तुति पुराने समय के सही और गलत के विचार को परखती है। यह प्रस्तुति 70 मिनट तक चली।

दूसरे प्रस्तुति के तौर पर किलकारी गया के बच्चों द्वारा शिव शंभू नृत्य की प्रस्तुति की गयी, जिसमें बाल कलाकारो ने भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों को नृत्य के माध्यम से दिखाया। तीसरे एवं चौथे प्रस्तुति के तौर पर किलकारी दरभंगा के बच्चों द्वारा जयतु भारतम् नृत्य व् नटुआ नाच की प्रस्तुति की गयी। यह जयतु भारतम् नृत्य वसुधैव कुटुम्बकम् पर आधारित थी, जिसमें बाल कलाकारों ने नृत्य के माध्यम से दिखाया कि पूरी पृथ्वी एक परिवार की तरह है।

वहीं नटुआ नाच की भी शानदार प्रस्तुति की गयी, जिसे भिखारी ठाकुर के विदेसिया नाटक से लिया गया नृत्य और चंदन तिवारी के संगीत से तैयार किया गया था। किलकारी गया और किलकारी दरभंगा का नृत्य प्रस्तुतियों को नर्तक जितेंद्र कुमार चौरसिया के मार्गदर्शन में विशाल कुमार के निर्देशन में तैयार किया गया।

पांचवें प्रस्तुति के तौर पर किलकारी पटना के बच्चों द्वारा राहुल अधिकारी के निर्देशन में लास्य नृत्य की प्रस्तुति की गयी। जिसमें बाल कलाकारों ने दिखाया कि किस प्रकार माता पार्वती द्वारा भगवान शिव के क्रोध को शांत करने के लिए नृत्य किया गया। कलाकारों में शम्मी पिथिया, वाई यदावन, संध्या रमन, लू कोप, बी चार्ल्स, शंथमोष कन्नन ने प्रस्तुति दी तथा बाल कलाकारों में कृति, आरती, हर्ष, आयुष, सुमित, आकाश, मनीष, आध्या, राजनंदनी, रीतिका, निशा, सौम्या, सागर, पूजा, खुशी, मुस्कान, रुपाली व् अन्य ने प्रस्तुति दी।

इस तीन दिवसीय उदय शंकर नृत्य फेस्टिवल के संदर्भ में सुरांगन पटना के सचिव व प्रसिद्ध नर्तक जितेंद्र कुमार चौरसिया ने बताया कि इस पूरे कार्यक्रम का उद्देश्य नृत्य के क्षेत्र में नए कलाकार तैयार करना, कलाकारों में कल्पनाशीलता तथा रचनात्मकता का विकास करना तथा प्रतिभावान कलाकारों को नृत्य के क्षेत्र में करियर बनाने हेतु उन्हें मार्गदर्शन व प्रोत्साहन देना है। साथ ही दर्शकों में भारतीय कला एवं संस्कृति के प्रति अभिरुचि पैदा करना है।

जानकारी देते हुए बिहार के प्रसिद्ध रंगकर्मी व् टीवी कलाकार मनीष महीवाल ने बताया कि कार्यक्रम का मंच संचालन किशोर केशव ने किया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में अंतिम दिन सुरांगन की अध्यक्ष व प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नूतन, भारतेंदु चौहान, विनय राज, सुदामा पांडेय, सत्य प्रकाश, विशाल कुमार, पुरुषोत्तम कुमार, उत्तम कुमार, मनीष कुमार, राजेश रंजन गुड्डू, सिमरन श्रुति, स्मृति चंद्रा, कमलेश कुमार, सुमित कुमार, सूरज प्रकाश आदि उपस्थित थे।

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