एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। बिहार की राजधानी पटना के राजेंद्र नगर स्थित प्रेमचंद रंगशाला में बीते 9 जून से संचालित तीन दिवसीय राष्ट्रीय लोक नाच महोत्सव 11 जून को संपन्न हो गया। महोत्सव में लोक कलाकारों ने एक से बढ़कर एक लोक नृत्य प्रस्तुत किया।
उक्त जानकारी देते हुए रंगकर्मी सह कलाकार साझा संघ के सचिव मनीष महीवाल ने बताया कि कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार के सौजन्य से सांस्कृतिक संस्था रंग समूह द्वारा तीन दिवसीय द्वितीय राष्ट्रीय लोक नाच महोत्सव का आयोजन प्रेमचंद रंगशाला में आयोजित किया गया था।
उन्होंने बताया कि समापन दिवस 11 जून की शुरूआत में सिने कलाकार एवं लोकनर्त्तक मनोज पटेल ने होते पराते चल जईह मोर राजा गीत पर लोक नृत्य की प्रस्तुति की। इसके बाद सुखरी राजभर का दल डफरा एंड पार्टी उत्तरप्रदेश ने अपना प्रदर्शन किया।
महीवाल ने बताया कि डफरा लोक नृत्य शादी विवाह के अवसर पर किया जाता है, जिसे मानर पूजा भी कहते हैं। इसमें कुल देवता की पूजा से पहले डफरा की पूजा की जाती है। इसमें नृत्य के साथ- साथ होली, चैता, सोहर आदि पारंपरिक गीत गाए जाते हैं। बताया कि इसके उपरांत राजेश प्रसाद के दल बिदेसिया नाच पार्टी भोजपुर ने ताल परिचय, पूर्वी, निर्गुण, नचारी आदि की प्रस्तुति दी।
इस दल में हारमोनियम पर सुरेश प्रसाद, ढोलक तथा तबला पर सुदामा राम, झाल पर संतोष राम, धनजी राम, फुदेना राम तथा चुटुर, जम्मू, मनोज, प्रकाश, सचिन, राकेश, लम्बू, लड्डू तथा विलास संगत दे रहे थे।
महीवाल ने बताया कि कार्यक्रम के अंत में अरविन्द कुमार के दल स्वर रंगमंडल अरवल ने सामाजिक गीत, श्रृंगारिक गीत, पूर्वी तथा भिखारी ठाकुर के गीतों को प्रस्तुत किया। दल में अखिलेश व्यास, सुनील कुमार, नंद किशोर राय, शत्रुघ्न प्रसाद, संतोष कुमार, संतोष पासवान, कुन्दन भोजपुरिया, जूली सिंह, प्रिया यादव, अरविन्द कुमार तथा संजय कुमार शामिल थे।
राष्ट्रीय लोक नृत्य महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में दूरदर्शन पटना के निदेशक राजकुमार नाहर, सेंट स्टीफेंस स्कूल के निदेशक डॉ अमरेन्द्र प्रसाद तथा रंग समूह एवं मनोविज्ञान विभाग कॉलेज ऑफ कॉमर्स पटना के अध्यक्ष प्रो. कीर्ति उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में संस्था के सचिव कुमार उदय सिंह ने सभी दर्शकों, आमंत्रित कलाकारों तथा महोत्सव से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े सभी कलाकारों तथा कार्यकर्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ हीं उन्होंने अगले वर्ष पुनः महोत्सव आयोजित करने की सूचना देकर तीन दिवसीय द्वितीय राष्ट्रीय लोक नाच महोत्सव का समापन की घोषणा की।
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