महोत्सव में आदिवासियों के समग्र प्रगति पर जोर
पियूष पांडेय/बड़बिल (उड़ीसा)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम से सटे उड़ीसा के केंदुझर जिला के हद में बड़बिल नगर में 20 मई को तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर बड़बील स्थित उत्सव मैदान में सर्व भारतीय आदिवासी कम्यूनिटी के तत्वावधान में तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव का शुभारंभ किया गया।
राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव का उद्घाटन भारत सरकार के जनजाति मामलों के कैबिनेट मंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्य मंत्री विशेश्वर टुडू, चंपुआ सदर विधायक मोहन चरण माझी, पदमश्री डॉ तुलसी मुंडा एवं अन्य प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर महापुरुषों के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम में देश के दस प्रदेशों के विभिन्न क्षेत्रों से आदिवासी समुदाय से जुड़े गणमान्य जन पहुंचे।
तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव में मुख्य रुप से आदिवासियों की कला, संस्कृति, परंपरा, भाषा, साहित्य, शिक्षा, स्वास्थ्य के विषय में चर्चा की गयी। साथ ही देश भर के आदिवासियों को एक जुट हो कर समाज हित में कार्य करने की अपील किया गया एवं आदिवासियों के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व शैक्षणिक प्रगति सहित समग्र प्रगति पर भी जोर दिया गया। इस दौरान अलग अलग 20 स्टॉल लगा कर विभिन्न राज्यों से संबंधित प्रदर्शनी लगायी गयी थी।
कार्यक्रम के दौरान खराब मौसम, बारिश व आंधी के कारण कुछ समय तक कार्यक्रम प्रभावित रहा। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। कर्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कई गणमान्य आदिवासियों को सम्मानित किया।
यहां मुख्य रुप से ओड़िशा स्वाभिमान के अध्यक्ष मुरली मनोहर शर्मा, झारखंड के पूर्व गृह सचिव जेबी तुबिद, पूर्व मंत्री बड़कुंवर गगराई, सर्व भारतीय आदिवासी कम्यूनिटी के अध्यक्ष पुरुषोत्तम गगराई, उपाध्यक्ष सुखराम पाहन, सचिव जगन्नाथ टुटी, रसानंद बेहरा, त्रिबिक्रम नायक, हिमांशु सुलांकी, बबलू मुंडा, सोहन लाल हुराद, रमेश सुलांकी, सुखराम पहान, रोहित मुंडा, दुबराज हेंब्रम, सौरव नाग, निर्मल नाग, अनंत टुडू, घसीनाथ ओराम, सजल नाग, डुमरुधर बारिक, रमेश नाग आदि उपस्थित थे।
इस दौरान मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में वर्तमान सरकार जनजाति समाज के सर्वांगिण विकास के लिये निरंतर कार्य कर रही है। जनजाति समाज के लोगों को हर क्षेत्र में अवसर मिले, यह सुनिश्चित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी बच्चों के लिये उनका मंत्रालय देश भर में 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय खोलने जा रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ साथ स्वास्थ्य व स्वरोजगार पर भी जोर दिया जा रहा है।
यह सरकार का जोश ही है जो सिकल सेल रोग के पूर्ण रूप से उन्मूलन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता में परिलक्षित होता है, जिसने मुख्य रूप से जनजातियों को प्रभावित किया है। उन्होंने सफल आयोजन के लिये आयोजन समिति को साधुवाद दी।
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