रंगारंग कार्यक्रम के साथ तीन दिवसीय इंद्रधनुष कार्यक्रम का समापन

एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। बिहार की राजधानी पटना के राजेंद्र नगर स्थित प्रेमचंद रंगशाला में बीते 22 नवंबर से आयोजित तीन दिवसीय इंद्रधनुष कार्यक्रम का समापन 24 नवंबर को रंगारंग कार्यक्रम के साथ समापन हो गया। उक्त जानकारी कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी एवं प्रसिद्ध टीवी कलाकार मनीष महीवाल ने दी।

उन्होंने बताया कि पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (इजेडसीसी) कोलकाता पश्चिम बंगाल, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) प्रयागराज, उत्तर प्रदेश तथा कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार के संयुक्त तत्वावधान में बीते 22 से 24 नवम्बर तक राजेंद्र नगर पटना के प्रेमचंद रंगशाला में प्रतिदिन सायं 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव इंद्रधनुष 2024 का आयोजन किया गया था।

उक्त आयोजन में हरियाणा, राजस्थान, उड़ीसा, असम, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा बिहार के लोक गीत एवं लोक नृत्यों की प्रस्तुति की गयी। साथ हीं हस्तशिल्प मेला, खान-पान मेला, पारंपरिक पहनावा प्रदर्शन, चित्रकला कार्यशाला एवं रंगोली प्रदर्शन आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था।

महीवाल ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना है। कहा कि पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के इस सिग्नेचर फेस्टिवल में भारत के लगभग 400 लोक आदिवासी कलाकार और 10 छोटी हस्तशिल्प दुकानों में 40 शिल्पकारों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि 24 नवम्बर को मुख्य अतिथि के रूप में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी उपस्थित थे। मुख्य मंच पर सबेरा कला केंद्र द्वारा सभी राज्यों के कलाकारों द्वारा समवेत नृत्य पेश किया गया, जिसका नृत्य निर्देशन राजीव कुमार रॉय ने किया।

इसके बाद बिहार के लोकगीतों की प्रस्तुति तथा असम के राजीव कलिता के दल द्वारा बीहू नृत्य प्रस्तुत किया गया। जिसमे देबजीत दास, राज नाथ, अनूप मजुमदार, दीपज्योति नाथ, जिन्तु दास, नुपुर देका, सुदर्शन बनिया, करुणा कान्त कलिता, हिरामोनी कलिता, करिश्मा भुयान, जोनाली दास, सेवजी देवी, बिजुली दास एवं ध्रितिश्मिता सरनिया ने भाग लिया।

बताया कि इसके बाद मध्य प्रदेश की निधि चौरसिया के दल ने यहां बधाई लोक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसमे हेमंत, नीलम, निधि, गजेन्द्र, नेहा, निकिता, खुशबू, संतोषी, प्रतीक, अंकित, पीयूष, शरद, यशवंत, रुपेश तथा नीलेश ने भाग लिया।

इसके उपरांत सभी राज्यों के कलाकारों ने मंच पर पारंपरिक परिधानों का प्रदर्शन किया। साथ हीं बिहार के लोकनृत्य सामा चकेवा की प्रस्तुति की गयी और उत्तर प्रदेश के दल ने लोक नृत्य की प्रस्तुति की। जबकि राजस्थान की अंजना कुमावत के दल ने घूमर नृत्य पेश किया, जिसमे पूजा नरुका, आकांक्षा कुमावत, निशा, कृष्णा मालाकार, कशिश मालाकार, दिनकल, शिमाला जाट, रेखा देवी, अमृता कुमावत, राधे श्याम, मुकेश कुमार, गोपाल, रामलाल एवं हिम्मत शामिल थे।

बताया कि इसके बाद हरियाणा के कामिल के दल ने फाग नृत्य पेश किया, जिसमे जावेद, नीरज, साहिल, आकाश, नूरी, मोहित, सूबे सिंह, शमशेर, अंकुश, निधि, रितिका, कुसुमलता, ब्यूटी एवं नेहा शामिल थे। इसके बाद उड़ीसा के अरुण कुमार सुना के दल एकतारा कला केंद्र ने चुटकुचुटा तथा रंगबाती पेश किया, जिसमे उनके साथ दीपक कुमार जल, रेनुरंजन बाग, उपेन बीसी, छोटू कुमाबगर, जोगेश जल, अमिन हरपाल, बिक्की कुम्भर, राहुल जल, कालिया नंदा, मायाधर खरसेल, रेनू नाइक, सपना लुहार, प्रीति सिदुरिया, संजन सुना, सीता माझू एवं सुचित्रा दास शामिल थे।

मौके पर इंद्रधनुष के मीडिया को-ऑर्डिनेटर मनीष महिवाल ने मीडिया के साथियों का आभार व्यक्त किया। अंत में पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, कोलकाता के उप निदेशक तापस सामंतराय ने धन्यवाद ज्ञापन कर इस वर्ष के इन्द्रधनुष कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।

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