एनआईटी शिक्षकों द्वारा तीन दिवसीय कैपेसिटी बिल्डिंग का आयोजन

डीएवी झारखंड ए जोन संभाग द्वारा तीन दिवसीय शिक्षण जागरूकता कार्यक्रम

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। शिक्षा का अलख जगाने के उद्देश्य से डीएवी सेंटर ऑफ एकेडमिक एक्सीलेंस नई दिल्ली के तत्वधान में झारखंड ए जोन जमशेदपुर संभाग के छह स्कूलों में द्वारा तीन दिवसीय शिक्षण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में डीएवी गुवा, चिड़िया, नोआमुंडी, झींकपानी, बहरागोड़ा एवं एनआईटी आदित्यपुर (जमशेदपुर) के शिक्षकों की आयोजित 3 फरवरी से 5 फरवरी तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग की शुरुआत जमशेदपुर के आदित्यपुर स्थित डीएवी एनआईटी सभागार में सहायक रीजनल ऑफिसर ओपी मिश्रा की अध्यक्षता में दीप प्रज्जवलित कर की गई।

दीप प्रज्वलन कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य में डीएवी गुवा के डॉ मनोज कुमार पांडेय, डीएवी चिरिया के एस.के झा, डीएवी झींकपानी के एस.के.पाठक, डीएवी नोवामुंडी के प्रशांत कुमार भुइया एवं डीएवी बहरागोड़ा के अनूप कुमार खासतौर से शामिल होकर शिक्षकों के उज्जवल भविष्य की कामना की।

तीन दिवसीय शिक्षण जागरूकता कार्येक्रम में करीब 220 शिक्षक लाभान्वित हुए। जिसमें बच्चों के विकास के लिए शिक्षण की चिंता को लेकर सहायक रीजनल ऑफिसर मिश्रा ने शिक्षको को आदर्श शिक्षा प्रदान करने लिए तथ्यात्मक विचार दिया।

अनुकरणीय शिक्षण युक्तियां सुझाई। मिश्रा ने शिक्षकों को कहा कि वर्तमान आयोजित सेमिनार के माध्यम से शिक्षकों को शिक्षण प्रक्रिया में स्वाभाविक लाभ मिलेगा। एआरओ मिश्रा ने शिक्षको को बेहतर शिक्षण के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षंण कार्य में कभी उत्तेजित नहीं होना चाहिए।

शिक्षकों को सरल एवं शांत स्वभाव का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अभिभावक अपने बच्चों की जवाबदेही पूर्णत: शिक्षकों के ऊपर छोड़ उनके द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास की उम्मीद रखते हैं। शिक्षकों को अभिभावक की इस उम्मीद पर पूरी तरीके से खरा उतरना चाहिए। शिक्षकों को प्रभावशाली शिक्षा देने के उदेश्य से उन्होने सदैव कक्षा में हंसते मुस्कुराते जाने के लिए प्रेरित किया।

एआरओ ने कहा कि शिक्षकों की अध्यापन विधि इतनी अच्छी होनी चाहिए कि बच्चे उनका कक्षा में आने का इंतजार करें। आयोजित कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम में विभिन्न विषयों के शिक्षकों को वर्गीकृत कर उन्हें एक्सपर्ट मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षण दिया गया जो काफी लाभदायक व शिक्षाप्रद रहा।

विभिन्न कक्षाओं में चल रहे प्रशिक्षण का मुआयना के दौरान एआरओ मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में नई शिक्षा नीति में आए बदलाव की चर्चा एवं योजना की जानकारी शिक्षकों को देना अनिवार्य है। इस योजना को कैसे स्कूलों में क्रियान्वित किया जाय  ताकि पठन-पाठन कार्यक्रम सरल हो सके। साथ हीं बच्चों में अच्छा इंसान बनाने के लिए नैतिक मूल्य को शिक्षा से जोड़ा जाना अत्यंत अनिवार्य बताया।

आज के प्रशिक्षण शिविर में मास्टर ट्रेनर के अतिरिक्त रिसोर्स पर्सन एनआईटी प्रोफेसर द्वारा भी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। मास्टर ट्रेनर देवदास राता चक्रवर्ती, जे रामा,अंजन सेन कौशिक चटर्जी व अन्य एनआईटी प्रोफेसर द्वारा प्रायोगिक शिक्षा के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।शिक्षा में बच्चों को किस प्रकार प्रेरित कर कठिन से कठिन विषयों को सरल तरीके से पढ़ाया जाय, इस पर खास तौर से चर्चा की गई।

लेजर किरणों द्वारा सरलता पूर्वक परावर्तन के नियम उत्तल लेंस और प्रज्वलित मोमबत्ती द्वारा विभिन्न स्थितियों की प्रतिबिंब को दर्शाया गया। जल का अपघटन की प्रक्रिया वायुमंडल में दबाव व अन्य प्रायोगिक क्रियाएं  दिखाई गई।

टाटा नोवामुंडी शिक्षिका जे रामा द्वारा विधिवत पुष्प के विभिन्न भागों को परिलक्षित किया गया जिसकी सराहना सबों ने की। विज्ञान के साथ-साथ अन्य विषयों की वर्गीकृत कक्षाएं मे भी प्रायोगिक प्रशिक्षण काफी कारगर एवं सराहनीय रहा।

उक्त कैपिसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम की मॉनिटरिंग स्कूलों के प्राचार्य ने अपने अपने स्कूलों में शिक्षको के साथ किया। उक्त अवसर पर विभिन्न विषयो का प्रक्षिक्षण कार्येक्रम प्रात 10 बजे से देर शाम तक चली।

कार्यक्रम की सफलता एवं संचालन में डीएवी एनआईटी आदित्यपुर (जमशेदपुर) के शिक्षको का अग्रणी योगदान रहा।कार्यक्रम की शुरुआत में एनआईटीडी एपीके स्कूली बच्चों द्वारा संगीत शिक्षक निलंजन के साथ आकर्षक स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।

 

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