विद्यालय शिक्षा, व्यवहार एवं संस्कार का केंद्र होता है-मधुसूदन प्रसाद सिंह
एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर स्टाफ क्वार्टर ढोरी मे तीन दिवसीय आचार्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के आचार्यों को पठन-पाठन की जानकारी दी गयी।
कार्यशाला का उद्धाटन मुख्य अतिथि अरविंदो सोसायटी करगली के चेयरमैन मधुसूदन प्रसाद सिंह, विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष ओम शंकर सिंह, प्रधानाचार्य परमानंद सिंह, पंकज पांडेय और मंजू सिंह ने किया। कार्यशाला का शुभारंभ सरस्वती वंदना से की गई। मुख्य अतिथि को प्राचार्य ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सिंह ने कहा कि विद्यालय शिक्षा, व्यवहार एवं संस्कार का केंद्र होता है। उन्होंने कहा कि योग से उर्जा और उत्साह दोनों मिलता है। सिंह ने अध्यात्मिक विकास पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा की। कहा कि योग का एकमात्र उद्देश्य आंतरिक आत्म-विकास है, जिसके द्वारा इसका अनुसरण करने वाला प्रत्येक व्यक्ति समय के साथ सभी में एक आत्मा को खोज सकता है। मानसिक से उच्चतर चेतना, आध्यात्मिक और अतिमानसिक चेतना विकसित कर सकता है, जो मानव स्वभाव को रूपांतरित और दिव्य बना देगी।
विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और प्राचार्य ने कार्यक्रम की प्रस्तावना बताते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है भैया- बहनों का सर्वांगीण विकास हो। उन्हें सभी विषयों की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा आचायों द्वारा दी जाए। मौके पर उन्होंने आगामी कार्य योजना पर विस्तार से व्याख्यान दिया। उन्होंने विभिन्न विभागों के साथ शैक्षिक एवं सह शैक्षिक विकास, सबल एवं निर्बल पक्ष, परीक्षा, प्रतियोगिता, परिणाम, विभिन्न विभागों, प्रांतीय कार्य योजना, संकुल योजना आदि विभिन्न पक्षों पर भी महत्वपूर्ण मार्गदर्शन आचार्यों को दिए।
इस अवसर पर शिक्षक – शिक्षिका में इंद्रजीत कुमार सिंह, संजय पांडेय, परमिंदर सिन्हा, विजय उपाध्याय, सुनील कुमार, रजत दास, जगदीश महतो, रेनू सिंह, प्रेरणा सिंह, मंजू कुमारी, राखी मजुमदार, पूजा चक्रवर्ती, सुषमा कुमारी, जयंतिका कुमारी आदि उपस्थित थे।
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