श्रीब्रह्मोत्सव सह महायज्ञ के दूसरे दिन हजारों श्रद्धालुओं ने की यज्ञ मंडप की परिक्रमा

श्रीत्रिदण्डी स्वामी के श्रीविग्रह का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव आज

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में विश्व विख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर के प्रसिद्ध श्रीगजेन्द्रमोक्ष देवस्थान नौलखा मन्दिर में 26वें श्रीब्रह्मोत्सव सह श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ के दूसरे दिन 9 फरवरी को हजारों श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा की। यहां भगवान श्रीगजेन्द्र मोक्ष एवं श्रीदेवी, भूदेवी और लक्ष्मी देवी की जय जयकार से सम्पूर्ण हरिहर क्षेत्र गूंज उठा।

परम योगीराज विश्व वन्द्य जगदाचार्य श्रीमद्विष्वक सेनाचार्य श्रीत्रिदण्डी स्वामी महाराज के श्रीविग्रह का आज पूजन, जलाधिवास, वस्त्राधिवास, अन्नाधिवास, पुष्पाधिवास, शय्याधिवास कराया गया। जबकि, 10 फरवरी को श्रीत्रिदण्डी स्वामी के श्रीविग्रह का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित होगा। उनके श्रीविग्रह को यहां स्थापित किया जायेगा।

उपर्युक्त अवसर पर देवस्थान पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य महाराज ने श्रीत्रिदण्डी स्वामी के बारे में विशेष चरित्र चित्रण कर लोकहित के कार्यों पर प्रकाश डाला। स्वामी लक्ष्मणाचार्य महाराज ने बताया कि 10 फरवरी को प्रत्येक वर्ष पूर्व की तरह भव्य रथयात्रा नगर भ्रमण के लिए निकलेगा। कहा कि इस बार यह रथोत्सव सोनपुर में हीं निकलवाई जाएगी।

उन्होंने बताया कि भगवान श्रीबालाजी वेंकटेश का रथ मन्दिर परिसर से निकल कर बाबा हरिहरनाथ का दर्शन कर मीना बाजार, सिद्घनाथ चौक, चिड़िया बाजार होकर मुख्य सड़क स्टेशन रोड होते गोला बाजार गौतम चौक तक जाएगी। पुन: गोला बाजार से स्टेशन रोड होकर महेश्वर चौक और गज ग्राह चौक होते हुए श्रीगजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम् में वापस लौट आयेगी।

उपर्युक्त अवसर पर मन्दिर प्रबंधक नन्दकुमार राय ने बताया कि सुबह नौ बजे से साढ़े दस बजे तक भगवान को रथारूढ कर विथिभ्रमण विशेष उमंग के साथ कराए गए। उन्होंने बताया कि 10 फरवरी को सैकड़ों भक्तगण को जलेबी और समोसा का प्रसाद वितरण किया जायेगा। इस बीच आज दिनभर भजन – कीर्तन और प्रवचन चलता रहा।

उन्होंने बताया कि आयोजित रथ यात्रा में मंदिर मीडिया प्रभारी समाजसेवी लालबाबू पटेल एवं धर्मनाथ महतो रथ की सजावट एवं मार्ग के सफाई व्यवस्था में पिछले दिनों से तन-मन-धन से जुटे हैं। इस अवसर पर मुख्य रूप से युवराज लक्ष्मी नारायण स्वामी, स्वामी कमलनयनाचार्य, निर्मल स्वामी, आचार्य झूना पंडित, फूल बाबू झा, नीलू झा, दिलीप झा, फूल झा, कुसुम देवी, नीलिमा, करण जी, रूपाली, गुड़िया दीदी सहित सैकड़ों श्रद्धालुगण सम्मिलित हुए।

 39 total views,  39 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *