एस. पी. सक्सेना/बोकारो। पिछले चालीस साल के ट्रेड यूनियन इतिहास में डीएवी फीस वृद्धि मामले को लेकर यह मेरी पहली सबसे बड़ी जीत है। सीसीएल के सीएमडी और निदेशक कार्मिक वास्तव में एक आदर्श इंसान हैं। आज के दिन ट्रेड यूनियन केवल ट्रेडिंग करने में लगा है।
मजदूरों के हितों से ट्रेड यूनियनों का कोई लेना देना नहीं रह गया है। उक्त बातें कोलियरी मजदूर कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री रामेश्वर सिंह फौजी ने 19 अप्रैल को बोकारो जिला के हद में सीसीएल के कथारा अतिथि भवन परिसर में पत्रकारों से भेंट में कही।
उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि 2 लाख से कम जरूरी कामों का टेंडर सीसीएल में अब ऑनलाइन के बजाय ऑफलाइन कर दिया गया है। इसकी शुरुआत सबसे पहले आज कथारा क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा किया गया है। इससे क्षेत्र के रैयतों विस्थापितों की काफी हद तक बेरोजगारी दूर होगी।
उन्होंने बताया कि उनके 40 साल के इतिहास में पहली बार हुआ कि डीएवी फीस वृद्धि मामले में उनके द्वारा पहल करने पर सीसीएल प्रबंधन ने उक्त निर्णय को वापस ले लिया। यही नहीं बल्कि आज के बाद अब कभी भी डीएवी द्वारा डेवलपमेंट चार्ज सहित अन्य मिसलेनियस के नाम पर बार बार वसूली नहीं किया जाएगा। यह अभिभावकों के लिए बहुत बड़ी राहत है। यह उनके जीवन काल की सबसे बड़ी जीत है।
फौजी ने कहा कि इसके लिए सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद व् निदेशक कार्मिक हर्ष नाथ मिश्रा बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने उनके माध्यम से अभिभावकों की दर्द को समझा।
फौजी ने बताया कि बीते 7 अप्रैल को डीएवी में फीस वृद्धि को लेकर डीएवी स्वांग में अभिभावकों के प्रदर्शन की सूचना के बाद 8 अप्रैल को प्राचार्य के साथ संपन्न वार्ता में वे शामिल हुए थे। इस दौरान यहां दो राजनीतिक दलों द्वारा आंदोलन में आपसी वर्चस्व के कारण स्थिति विस्फोटक हो गया था। उनकी पहल से ही मामला नियंत्रण में किया जा सका।
उन्होंने बताया कि डीएवी में फीस वृद्धि मामले को लेकर बीते 10 अप्रैल को उन्होंने सीएमडी से वार्ता की। सीएमडी के निर्देश पर सीसीएल डीपी ने 11 अप्रैल को वार्ता किया। साथ ही 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के अवसर पर फीस वृद्धि निर्णय को सीसीएल प्रबंधन द्वारा वापस लिया गया।
जिसमें पूर्व से भी सीसीएल कर्मी के बच्चों को सलाना 4600 की बचत तथा गैर सीसीएल कर्मी के बच्चे को सलाना 10,000 से अधिक की बचत होगी। इस प्रकार देखा जाए तो पूरे सीसीएल के सहयोग से संचालित सात डीएवी विद्यालय में 21000 बच्चे अध्ययनरत हैं, आदि।
जिसमें सीसीएल कर्मी तीन से चार करोड़ तथा गैर सीसीएल कर्मी को सलाना लगभग 12 करोड़ की बचत होगी। उन्होंने बताया आज तक के जीवन में ऐसा सीएमडी और डीपी जैसे सहृदय इंसान उन्होंने नहीं देखा था। वे उनके कायल हो गए हैं।
फौजी ने कहा कि सीसीएल में कार्यरत कामगारों, सीसीएल पर आश्रित गैर सीसीएल कर्मी तथा प्रभावित क्षेत्र के रहिवासियों को सही शिक्षा, स्वास्थ्य मुहैया कराने के लिए यूनियन का दायित्व महत्वपूर्ण है। क्योंकि यूनियन प्रबंधन का ही अंग है।
लेकिन आज ट्रेड यूनियन के 90 प्रतिशत लोग अपने दिशा से भटक कर बिचौलियों का काम करने लगे हैं। कथित मजदूर नेता लोहा, कोयला, डीजल चोरों की दलाली करने तथा प्रबंधन का तलवा चाटने में लगे हैं। उन्होंने मीडिया कर्मियों से आग्रह किया कि ऐसे बेईमान, भ्रष्ट और दलाली करनेवाले नेता का पर्दाफाश करें।
जेबीसीसीआई द्वारा 11वां वेतन समझौता में विलंब के कारणों पर प्रकाश डालते हुए फौजी ने कहा कि मोदी सरकार की नीति कोई भी फैसला लेने के पहले संगठनों का शक्ति परीक्षण करती है। आज ट्रेड यूनियन केवल ट्रेड बनकर रह गया है। इसलिए उनमें आंदोलन करने का साहस नहीं है।
सभी ट्रेड यूनियन कोई न कोई राजनीतिक दल से जुड़ा है। नेताओं को मोदी सरकार से सीबीआई व ईडी की कार्रवाई का भय समा गया है। इसलिए वेतन समझौता में विलंब हो रहा है। जबकि मेरा यूनियन कोलियरी मजदूर कांग्रेस ऐसा यूनियन है जो किसी राजनीतिक पार्टियों से समर्थित नहीं है।
मौके पर भोजपुरिया समाज द्वारा फौजी को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से यूनियन के राष्ट्रीय सचिव डॉ संतोष कुमार, राष्ट्रीय सचिव छोटे लाल शर्मा, राष्ट्रीय सचिव प्रकाश कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष चंदन तिवार्थ, आदि।
कथारा क्षेत्रीय सचिव एन एन मिश्रा, क्षेत्रीय अध्यक्ष शमशेर अली, मोहम्मद जुनेद, मोहम्मद मोबीन, राजेश मिश्रा वीरेंद्र वर्मा अभिषेक शर्मा जितेंद्र ठाकुर, भोजपुरिया समाज के सत्येंद्र ओझा, डॉ प्रिंस बैद्यनाथ, एस एन चौधरी, विकास कुमार सिंह, शिव शंकर दुबे सहित दर्जनों की संख्या में फौजी समर्थक उपस्थित थे।
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