संतोष कुमार/वैशाली (बिहार)। वैशाली जिला (Vaishali district) के हद में सदर प्रखंड की पंचायत दयालपुर के वार्ड क्रमांक छह में माता भगवती की स्थापित एक मंदिर है।
जिसका नव निर्माण कार्य प्रगति पर है। आज के वर्तमान माहौल में भी उक्त निर्माण से ग्रामीण सद्भावनाओं की एक अनोखी झलक मिलती दिख रही है। ग्रामीण रहिवासी व् जाने माने समाजसेवी कामेश्वर प्रसाद सिंह के धार्मिक नेतृत्व में मंदिर का चल रहा है नव निर्माण।
एक सर्वमान्य सामाजिक सोंच जो प्रत्येक भारतीय जनमानस के दिल में अपने अपने धर्म के नियमों के हिसाब से पलता रहता है, उसका एक सामाजिक औचित्य भी साबित हो सकता। यह एक गांव दयालपुर में इन दिनों ग्रामीणों के धर्म के प्रति उत्साह में देखा जा रहा है।
मालूम हो कि गांव दयालपुर सदर प्रखंड हाजीपुर में आता है। दयालपुर पंचायत (Dayalpur Panchayat) के वार्ड 6 में पौराणिक भगवती स्थान पर माता के मंदिर का नव निर्माण कार्य चलाया जा रहा है। खास बात यह नहीं। खास बात यह है कि सिर्फ निर्माण कार्य से जुड़े सभी ग्रामीण एक दूसरे के साथ काफी सद्भाव और गहरी आस्था से परिपूर्ण दिख रहे हैं।
विदित हो कि गांव का उक्त मंदिर जर्जर हो रहा था। पिछले कई वर्षों से इस बिंदु पर ग्रामीणों के बीच विमर्श भी चल रहा था। इसके बावजूद निर्माण मुख्य गर्भ गृह का नहीं हो पा रहा था। इसी बीच समाजसेवी कामेश्वर सिंह के देखरेख में स्थानीय ग्रामीण युवकों के सहयोग से मंदिर का नव निर्माण शुरू हुआ।
हालांकि मंदिर अभी पूरी तरह नहीं बन सका है। मंदिर निर्माण में अंशदान को सामाजिक रूप से प्रमुखता दी जा रही है। जो सामाजिक सद्भाव के विकास को आगे चलकर एक बड़ा आधार साबित हो सकता है। मंदिर से जुड़ी ये बातें खास इसलिए भी हैं कि एक तो मंदिर का महिमा मंडन पहले से ग्राम की परम्परा रही है।
दूसरे की बुद्धिजीवियों और बुजुर्गों समेत युवकों की आस्था से भी मंदिर जुड़ा है। इसलिए ग्रामीण इसे बेहद खास कार्य मानकर चल रहे हैं। साथ ही परस्पर अहंकार के प्रदर्शन जो आज किसी तरह के धार्मिक सामाजिक संस्था के निर्माण के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में देखा सुना जाता है।
वैसा इस भगवती मंदिर के नव निर्माण कार्य में ग्रामीण स्वीकृति नहीं दिखता। रहिवासी संतोष कुमार सिंह, मनमोहन सिंह, अमिताभ कुमार, गन गन सिंह उर्फ राजीव कुमार सिंह, त्रिपुरारी सिंह, कन्हाई सिंह समेत अन्य का मानना है कि मंदिर के विकास से दयालपुर वासियों को काफी खुशी मिलेगी।
गांव में सद्भाव विकास का यह प्रतीक मंदिर है। ग्रामीण इसे लेकर काफी उत्साहित हैं। मालूम हो कि बीते कई वर्ष पहले यहां एक भगवती यज्ञ नवरात्र में हुआ करता था। उसे भी ग्रामीण स्मरण कर ऐसा कुछ आगे भी करने की उम्मीद मन में रखा करते है। ग्रामीणों की चर्चा में अक्सर यह बात आती रहती है।
259 total views, 1 views today