बड़ाजामदा के नृत्य नाटिका कलाकारों ने मचाया धमाल
सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में बड़ाजामदा स्थित श्रीश्री सार्वजनिक काली पूजा कमेटी सीनी बाजार रेल नगरी की मां काली है सीनी की शान।
सीनी हॉट परिसर स्थित काली मंदिर में बीते 26 अक्टूबर की रात्रि जगराता जागरण की रात बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। जागरण की रात प्रतिभा कला को दिखाने वहीं आरसीपीपी कंप्यूटर एजुकेशन बड़ाजामदा से आए नृत्य नाटिका कलाकारों ने श्रीकृष्ण, सुदामा, मां काली, मां दुर्गा, आदि।
भगवान शिव, मां पार्वती की झांकियां निकाली, जिसमें भगवान श्रीकृष्णा, रुक्मणी, सुदामा तथा शिव, पार्वती के साथ शिव तांडव कर झांकियों के माध्यम से भक्तों को दर्शन कराया गया।
एक से बढ़कर एक झांकियां एवं हिंदी, भोजपुरी, बंगाली तथा पंजाबी भजनों की लंबी बौछार ने उपस्थित भक्तों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। भक्तगण रात भर जय मां काली, जय मां काली की जयकारे से पूरा सीनी गूंज उठा।
कलाकारों द्वारा प्रस्तुत इन भक्ति गीतों पर श्रद्धालु रात भर झूमते रहे। मां काली का विशाल जागरण रात भर चलता रहा। सुबह तक श्रद्धालु जमे रहे। भक्त जन आयोजित जागरण में शामिल होकर भक्ति गीतों और झांकी का भरपूर आनंद लिया।
इस अवसर पर बड़ाजामदा आरसीपीपी कंप्यूटर एजुकेशन से आए कलाकारों ने अलग-अलग झांकी प्रस्तुत कर रहिवासियों का मन मोह लिया। नृत्य नाटिका, झांकी एवं भजन कार्यक्रम में मां दुर्गा के रूप में प्रेम दास ने जीवंत किरदार निभाया।
वही रक्तबीज राक्षस के रूप में राज गुप्ता, मां काली के रूप में प्रेम दास नजर आए। महिषासुर के रूप शिवम गुप्ता, भगवान श्रीकृष्णा के रूप में उदय सिंह, रुक्मणी के रूप में मोनिका सिंह और सुदामा के रूप राज गुप्ता नजर आए।
इसी बीच शंकर महादेव के रूप में प्रेम दास और मां पार्वती के रूप में नीलम नायक, पंडित अघोरी बाबा के रूप में ध्रुव निषाद, काल भैरव के रूप मे कृष्णा प्रकाश यादव नजर आए। अन्य किरदार के रूप में पंचमी बारीक, अनामिका राहुल, प्रीति कोर, रागिनी कुमारी, प्रीति सिंह, गौतम राज, नैतिक तांती मुख्य किरदार में नजर आए।
मां काली पूजा पर मन्नत मांगी भक्तों ने मन्नत पूरी होने पर चढ़ावा भी चढ़ाया। जानकारी के अनुसार, सीनी में मां काली की पूजा विगत 130 वर्षों से हो रही है। स्थानीय रहिवासियों के अनुसार राजपरिवार के जितेंद्र सिंहदेव एवं ईश्वर प्रसाद सिंहदेव ने फूस के घर में मां काली की पूजा शुरू की थी।
वर्ष 1907 में सीनी हॉट मैदान में मां काली पूजा की गई। वर्ष 2016 में यहां भव्य मंदिर बनाया गया। दक्षिण भारत के कारीगर ने दक्षिणेश्वर काली मंदिर की तरह यहां भव्य काली मंदिर का निर्माण किया। इस मंदिर में तांत्रिक विधि से पूजा की जाती है। आसपास के क्षेत्रों के रहिवासी का माता काली के प्रति अगाध आस्था है। वर्ष 2050 तक भक्तों ने मूर्ति देने की अग्रिम बुकिंग कर ली है।
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