वृद्धा पेंशन की आस लगाए बैठी महिला का पैसा जा रहा बंगाल
विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। वृद्धा पेंशन की आस लगाए बैठी 65 वर्षीय महिला का पेंशन राशि बीते कई वर्षो से झारखंड से बंगाल रहा है। पेंशन की आस में दो महिलाओं की अबतक मौत भी हो चुकी है। बीडीओ शिकायत के बाद भी सुधार नहीं होने का राग अलाप रहे हैं, जबकि सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा मामले की जांच कर सुधार का आश्वासन दे रहे हैं।
जानकारी के अनुसार गोमियां प्रखंड (Gomian block) के हद में अति सुदूरवर्ती क्षेत्र चतरोचट्टी पंचायत के कतवारी गांव की वृद्ध मसोमात पुनिया देवी पेंशन की आस लगाए बैठी है। इसके लिए वह लगातार दर-दर भटक रही है। झारखंड सरकार की इन दिनों चल रही सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में भी इस महिला की समस्या का कोई समाधान नहीं हो सका।
पुनिया देवी बताती है कि जब प्रतिमाह 500 रूपये वृद्धा पेंशन मिलता था उस वक्त मुझे भी पैसा मिलता था, लेकिन बीते कई वर्षों से मेरा पैसा बंद हो चुका है। मसोमात पुनिया देवी ने आगे कहा कि उनका पेंशन का पैसा बंगाल के वर्धमान जा रहा है।
इस संबंध में गांव के मुखिया महादेव महतो ने 5 नवंबर को बताया कि ऐसे करीब 5 महिलाएं हैं। मुखिया के अनुसार यहां के ग्रामीण बैंक और बंगाल के बैंक ऑफ इंडिया का कोड मैच हो जाने के कारण इनका पैसा बंगाल चला जा रहा है।
इसके लिए प्रखंड कार्यालय से लेकर जनता दरबार तक चक्कर लगाया, किंतु समस्या का समाधान नहीं हो सका। मुखिया के अनुसार वर्ष 2016 तक पैसा मिला, जबकि 2017 में बंद हो गया। उन्होंने बताया कि एक साल बाद पुनिया देवी मेरे पास आई।
उसके बाद हर कोशिश किया, किंतु पैसा चालू नहीं हो सका। पेंशन की आस में दो वृद्ध महिलाओं की मौत भी हो चुकी है। लाखों लाख रुपया बंगाल चला गया। प्रखंड कार्यालय में डायरेक्ट अकाउंट में पैसा देने की बात कही, लेकिन वह कार्य भी नहीं हो सका।
इस संबंध में मामले की पुष्टि गोमियां बीडीओ कपील कुमार ने करते हुए कहा कि दो तीन ऐसे मामले उनके सज्ञान में आने के बाद उन्होंने इसके सुधार के लिए कई बार पत्राचार भी किया, लेकिन अबतक सुधार नहीं हो पाया है।
उन्होंने बोकारो के सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा से इस संबंध में बात करने को कहा। सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा रवि शंकर मिश्रा के अनुसार उनके सज्ञान में अबतक इस प्रकार का मामला प्रकाश में नहीं आया है। वे इसकी जांच कर संबंधित बैंक से पैसा वापसी के लिए पत्राचार करेंगे।
आश्चर्य यह कि वर्ष 2017 से बैंक द्वारा इस प्रकार के कृत्य को अंजाम दिया जाता रहा और झारखंड सरकार (Jharkhand Government) द्वारा वृद्धा पेंशन की राशि बेधड़क बंगाल भेजा जाता रहा और सरकार का तमाम महकमा कान में तेल डाले बैठी रही।
यह गड़बड़झाला नहीं तो और क्या है। यदि उक्त विषय की जांच की गयी तो कई और ऐसे मामले उजागर हो सकता है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि इस गड़बड़झाला में संभवतः मामला लाखो का नहीं करोड़ो का हो सकता है।
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