श्रीराम के आदर्शों को जीवन में उतारने की जरूरत-गुप्तेश्वर जी महाराज

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में विश्व प्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र सोनपुर स्थित हरिहरनाथ मंदिर के निकट मही नदी किनारे रामायण मंचन समारोह स्थल के मंच पर 17 दिसंबर को रामकथा का शुभारंभ किया गया। रामकथा का शुभारंभ बिहार प्रदेश उदासीन महामंडल के अध्यक्ष संत विष्णुदास उदासीन मौनी बाबा, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुनील कुमार पनवार और विपुल सिन्हा ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया।

इस अवसर पर न्यायमूर्ति ने अपने संबोधन में कहा कि जो धर्म को धारण करता है वह अच्छे विचार रखता है। धर्म उच्च विचार धारण करना सिखाता है। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि वे श्रद्धा पूर्वक रामकथा सुने और इसे धारण करें। उन्होंने कहा कि कथावाचक जगद्गुरु रामानुजाचार्य आचार्य गुप्तेश्वरजी महाराज प्रति दिन संध्या समय पर राम कथा करेंगे।

इस अवसर पर लोक सेवा आश्रम के व्यवस्थापक संत विष्णुदास उदासीन उर्फ मौनी बाबा ने कहा कि लगभग 14 साल पहले जब पांडेय जी (जगद्गुरु गुप्तेश्वर जी महाराज) हरिहरनाथ मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष बने तो उन्होंने बिहार सरकार के सहयोग से श्रद्धालुओं को संस्कारित करने के लिए रामलीला के आयोजन की शुरुआत कराई जो बहुत लोकप्रिय हुआ।

इस साल से अब उसी स्थल पर राम कथा भी प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि जगद्गुरु गुप्तेश्वर के मार्गदर्शन व नेतृत्व में बाबा हरिहरनाथ मंदिर का भी काफी विकास हुआ है। धार्मिक, अध्यात्मिक गतिविधियो के कारण मेले में भी श्रद्धालु व् पर्यटक बड़ी संख्या मे आ रहे हैं।

इस अवसर पर जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी गुप्तेश्वर जी महाराज ने रामकथा के दौरान कहा कि बड़ा आदमी वह होता है जिसके सामने छोटा आदमी भी आए तो छोटा होने का अहसास न हो। उन्होंने कहा कि राम कथा सुनने से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि भगवान की कथा भक्तों को प्यारी लगती है।

जब ज्ञान का स्पर्श होता है तब अहंकार का नाश हो जाता है। श्रीराम में अहंकार नहीं था। श्रद्धालुओं को अपने जीवन में भगवान श्रीराम के आदर्शों व व्यक्तित्व को उतारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रामकथा सुनने से हर तरह का दुख मिट जाता है, क्योंकि राम का चरित्र यह संदेश देता है कि परिवार और समाज मे कैसे रहना चाहिए।

अपने आसपास के पड़ोसियों से किस तरह व्यवहार करना चाहिए।
गुप्तेश्वर जी महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने मर्यादित आचरण से समाज को सच्चाई के रास्ते पर चलने का संदेश दिया है। कहा कि जीवन में कठिनाई आती हैं, लेकिन इंसान को संयम नहीं खोना चाहिए। राम कथा सुनने वाले इंसान के ह्रदय में गलत विचार नहीं आते।

इस अवसर पर हरिहरनाथ मंदिर के पुजारी आचार्य सुशील चंद्र शास्त्री, मंदिर न्यास समिति के सचिव विजय कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष निर्भय कुमार सिंह, सीओ विश्वजीत सिंह, अरविंद सिंह, सतन शर्मा सहित कई गणमान्य मौजूद थे।

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