गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली के जिलाधिकारी (डीएम) यशपाल मीणा की कार्यशैली से जिले के भ्रष्ट कर्मचारी और पदाधिकारियों में हड़कम्प मचा है। ये प्रतिदिन जिले के अंदर पंचायतो में चल रहे योजना एवं विकास कार्य, स्कूल, सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण कर जन समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार वैशाली डीएम मीणा की कार्यशैली से कुछ भ्रष्ट नेता भी खुश नहीं हैं। जिससे लोग अंदाज लगाने लगे हैं कि इस ईमानदार और कार्य करनेवाले जिलाधिकारी की विदाई जिले से जल्द होनेवाली है।
बताया जाता है कि 18 अगस्त को जिलाधिकारी मीणा ने वैशाली जिला के हद में लालगंज के रेफरल अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। अस्पताल में घोर अनियमितता पाए जाने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सरिता शंकर से स्पष्टीकरण की मांग की तथा अगले आदेश तक उनका वेतन बंद करने का निर्देश दिया।
एक अन्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गीतांजली की ड्यूटी से अनुपस्थित रहने पर उनका वेतन भी अगले आदेश तक बंद कर दिया गया। यहाँ के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक (बीएचएम) संजीव लाल को कर्त्तव्य के प्रति उदासिनता एवं लापरवाही को लेकर उन्हें आज ही पातेपुर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी द्वारा रेफरल अस्पताल के निरीक्षण के क्रम में डॉ गीतांजली की जगह पर डॉ संजय कुमार को सेवा देते हुए पाया गया, जिनकी ड्यूटी रात्रि पहर था। इस पर भी जिलापदाधिकारी ने नाराजगी व्यक्ति की।
जिलाधिकारी ने रेफरल पंजी और एम्बुलेंस पंजी देखी, लेकिन इन पंजियों का संधारण सही नहीं पाया गया। रेफरल पंजी में मरीज के रेफर का कारण और किस चिकित्सक के द्वारा रेफर किया गया, यह अंकित नही था।
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