असैनिक विभाग के लचर व्यवस्था का दंश झेलने को मजबूर क्षेत्र के श्रमिक

असैनिक विभाग के प्रति बढ़ता जा रहा है मजदूरों का आक्रोश-अजय कुमार सिंह

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। श्रमिकों के वेलफेयर के कार्यों में सीसीएल प्रबंधन प्रत्येक वर्ष असैनिक विभाग द्वारा करोड़ों रुपया खर्च किया जाता है। श्रमिकों का वेलफेयर कंपनी की प्राथमिकता भी है। गुणवत्ता के साथ व्यापक कमीशन खोरी के कारण कार्य का सही तरीके से निष्पादन नहीं होना व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाता है।

बोकारो जिला के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्र में असैनिक विभाग के लचर व्यवस्था का दंश झेलने को मजबूर हैं क्षेत्र में कार्यरत दर्जनों श्रमिक। जिसके कारण असैनिक विभाग के प्रति मजदूरों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

इस संबंध में इंटक से संबद्ध राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के कथारा क्षेत्रीय अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने 6 दिसंबर को कहा कि असैनिक विभाग द्वारा कायाकल्प के नाम पर जिन आवासों पर लाखों लाख रुपया खर्च कर आवास की मरम्मति की गई है।

उक्त आवासो की स्थिति दयनीय बना हुआ है। जो गंभीर विषय है। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय कार्यालय के समीप स्थित गायत्री कॉलोनी में क्षेत्र में कार्यरत श्रमिक अजय कुमार सिन्हा एवं सुबीर रॉय के आवास में कायाकल्प के तहत कार्य भी हुए थे। आज भी कुछ कार्य अधूरे पड़े हैं। साथ ही जो कार्य हुए वह देखने का विषय है।

आवास की जर्जर हालत व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करता है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि असैनिक विभाग मतवाला हाथी के तहत कार्य कर रहा है। जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग के द्वारा जिस कार्य को एक बार में किया जाना चाहिए था आज 4 वर्षों से लंबित पड़ा है। जो विभाग की कार्य पद्धति पर बड़ा सवालिया निशान है।

राकोमयू नेता सिंह ने कहा कि विभाग द्वारा कथारा मोड़ से कथारा चार नंबर ओपी तक सड़क बनाने का प्राक्कलन तैयार हुआ। इसका टेंडर भी हुआ। आज भी यह रोड अधूरा है। कार्य की गुणवत्ता पर भी निशान है। जिससे पैसे के बंदर बांट की योजना सफल हुई है। इस पूरे मामले की सीसीएल के सतर्कता विभाग से जांच होनी चाहिए।

जिससे कंपनी का हो रहे खर्च का सही सदुपयोग हो सके, और दोषी पर कार्रवाई हो। इस संदर्भ में राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन क्षेत्रीय अध्यक्ष सिंह के द्वारा क्षेत्रीय प्रबंधन का ध्यान आकर्षण कराने के बावजूद समस्या यथावत बनी हुई है।

सिंह ने कहा कि सीसीएल मुख्यालय के अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर क्षेत्र की कारगुजारियों को उजागर किया जाएगा। साथ ही विभाग के गलत रवैया के खिलाफ जोरदार आंदोलन की शंखनाद होगी। औद्योगिक अशांति की जवाबदेही क्षेत्रीय प्रबंधन की होगी।

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