एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित आय से अधिक सम्पति के आरोप मे गिरफ्तार भ्रष्टाचार मे लिप्त अभियंता वीरेंद्र राम के कार्यकाल में पूर्व एवं अब तक जितने भी कार्य संवेदको को आवंटित किये गये है, सभी को तत्काल रूप से रद्द किया जाए अन्यथा आंदोलन किया जायेगा।
उपरोक्त बातें 26 मई को झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष सह आदिवासी मूलवासी जन अधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने कही।
उन्होंने कहा कि अभियंता वीरेंद्र राम के द्वारा जितने भी कार्य आवंटन किए गए वह अवैध रूप से पैसा लेकर नियम कानून को ताक पर रखकर किये गये है। ईडी को इस बिंदु पर भी कार्रवाई करनी चाहिए कि कौन-कौन संवेदको को विरेंद्र राम के द्वारा अब तक लाभ पहुंचाया गया। किसे गलत नियम विपरीत तरीके से कार्य आवंटित किया गया है।
नायक ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को तत्काल रुप से इस दिशा में कार्रवाई करना चाहिए, क्योंकि जितने दोषी अभियंता वीरेंद्र राम है उतने ही दोषी उनके द्वारा लाभ प्राप्त संवेदक भी हैं।
आज सभी संवेदको के कागजों की भी जांच की जानी चाहिए, ताकि वैसे संवेदको का भी भंडाफोड़ हो सके। नायक ने आगे कहा कि सिर्फ वीरेंद्र राम ही एक ऐसे झारखंड में अभियंता नहीं थे जो पैसा लेकर अवैध रूप से नियम कानून को ताक में रखकर कार्य आवंटन किया करते थे।
अगर सही रूप से जांच की जाए तो मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग, पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग (निगम), ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल विभाग, स्वर्ण रेखा प्रोजेक्ट, पीएचडी के मुख्य अभियंता भी दोषी पाए जाएंगे, आदि।
जिन्होंने नियम और कानून को ताख पर रखकर तथा पैसा लेकर अपने पद का दुरुपयोग कर कार्य संवेदको को आवंटन किए हैं। जिसकी जांच अति आवश्यक है, क्योंकि सिर्फ वीरेंद्र राम ही एक दोषी अभियंता झारखंड में नहीं है। ऐसे कई अभियंता और है जो ऐसे कार्यों को बखूबी अंजाम अभी तक देने का काम कर रहे हैं।
नायक ने यह भी कहा कि जल्द ही इस संदर्भ में इडी को सभी मुख्य अभियंता/अभियंता प्रमुख के निजी चल अचल संपत्ति की जांच के लिए एक ज्ञापन सौंपा जायेगा और मांग किया जायेगा कि सभी मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग के निजी चल अचल संपत्ति की जांच किया जाय।
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