बंद पड़े चापाकल को ग्रामीणों ने अपने प्रयास से कराया ठीक

सारंडा क्षेत्र से अरबों का लौह अयस्क व वन संपदा प्रतिमाह अन्यत्र जा रहा है-गोविंद

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में गंगदा पंचायत के घाटकुड़ी गांव के पापड़ी टोला में महीनों से खराब चापाकल को इक्को विकास समिति के अध्यक्ष व् ग्रामीणों के प्रयास से ठीक किया गया। उक्त चापाकल महीनों से खराब था।

बताया जाता है कि पापड़ी टोला के ग्रामीण इसे ठीक करने हेतु पीएचईडी विभाग व पंचायत प्रतिनिधि से निरंतर गुहार लगाते रहे। बावजूद इसके पूरे गर्मी गुजरने तक इसे ठीक नहीं किया गया। जिसके कारण भीषण गर्मी में ग्रामीण रहिवासी आसपास के प्राकृतिक नाला में चुआं बनाकर अपनी प्यास बुझाते एवं जरूरत हेतु पानी वहां से लाते रहे।

बताया जाता है कि वर्षा के मौसम में यहां के नदी-नाले भर जाते है, जिससे यहां का पानी लाल हो जाता है। ऐसे में यहां पेयजल की भारी समस्या हो जाती है। इसी को ध्यान में रखकर ग्रामीणों ने रोवाम निवासी रामो सिद्धू से मदद मांगी। सिद्धू स्वंय साइकिल मिस्त्री हैं। उन्होंने एक अन्य चापाकल बनाने वाले मिस्त्री को अपने खर्च कर बुलाया एवं ग्रामीणों की मदद से उक्त खराब चापाकल को ठीक कराने का कार्य किया।

इस संबंध में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष गोविंद पाठक ने कहा कि सारंडा क्षेत्र से अरबों रुपये का लौह अयस्क व वन संपदा प्रतिमाह अन्यत्र भेजा जा रहा है। खनन कंपनियां प्रति वर्ष डीएमएफटी फंड में पैसा दे रही है।

बावजूद इसके खदान से प्रभावित गांव के रहिवासियों के लिए एक खराब चापाकल भी पीएचईडी विभाग व प्रशासन ठीक नहीं करा पा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन व् पीएचईडी विभाग की निष्क्रियता एवं उपेक्षा के कारण गरीब ग्रामीण स्वयं पैसा खर्च कर सरकारी चापाकल को ठीक कराने को मजबूर हैं।

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