चर्चा में है अमलो कांटा क्लर्क का तबादला

प्रहरी संवाददाता/फुसरो (बोकारो)। इन दिनो बोकारो जिला के हद में स्थित बेरमो कोयलांचल में चर्चा का विषय बन गया है एएडीओसीएम (अमलो) कांटा घर में पदस्थापित दोनों काटा क्लर्क विनय कुमार मिश्रा और मनोज कुमार का स्थानांतरण।

जानकारी के अनुसार एएडीओसीएम के कार्मिक प्रबंधक ए के मिश्रा ने कार्यालय पत्रांक-2144 दिनांक 6 /9/22 के द्वारा आदेश जारी किया है। चर्चा का कारण यह है बीते 5 सितंबर कि रात्री में एक ट्रक पर पंचिंग से अधिक मात्रा में कोयला लदा होना।

जब इस गैर कानूनी काम का अन्य ट्रक मालिकों ने विरोध किया तो कथित ट्रक पर से कोयला अधिक मात्रा में जो लोड किया गया था, उस कोयला को आनन फानन में उतारा गया।

सूत्र बताते हैं कि जब इसकी सूचना क्षेत्र के उच्च पदाधिकारियों को चला तो उन्होंने सेल विभाग से संबंधित अधिकारियों को काफी डांट पिलाई तथा दोषी क्लर्क को तत्काल स्थानांतरण का आदेश दिया। बताया जाता है कि उच्च अधिकारी के आदेश के अनुपालन में दोनों कांटा क्लर्क का स्थानांतरण कर दिया गया है।

इस संबंध में परियोजना पदाधिकारी बीके गुप्ता से उनके विभागीय मोबाइल क्रमांक 8987784922 से संपर्क करने और जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल लगातार स्विच ऑफ बता रहा था। इस संबंध में जब परियोजना के सेल अधिकारी एके सिन्हा से पूछताछ की गई तो उन्होंने इस संबंध में कुछ भी बताने से स्वयं को असमर्थ बताया तथा परियोजना के कार्मिक प्रबंधक से जानकारी लेने की बात कही।

कार्मिक प्रबंधक से पूछा गया तो उन्होंने स्थानांतरण की पुष्टि की, लेकिन कारण पूछे जाने पर चुप्पी साध गए। अब क्षेत्रीय प्रबंधन को इस संबंध में विस्तृत जांच कर यह जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए कि क्या ट्रक में निर्धारित से अधिक कोयला लदे होने पर भी कांटा क्लर्क द्वारा कम वजन का पंचिंग कर ट्रक मालिक को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया था।

ज्ञातव्य है कि कांटा क्लर्क द्वारा ट्रक में अधिक कोयला लदे होने के बावजूद कम पंचिंग कर कागजात उपलब्ध कराने का सिलसिला बहुत पहले से शुरू है, जो आज भी जारी है। इसके लिए कांटा क्लर्क को ट्रक मालिकों से उन्हें मोटी रकम मिलती है।

सूत्र बताते हैं यह ना सिर्फ बेरमो कोयलांचल के विभिन्न क्षेत्रों में, बल्कि सीसीएल के सभी क्षेत्रों में जहां-जहां कोयला का ई ऑक्शन से रोड सेल चल रहा है। वहां कांटा क्लर्क की मिलीभगत से क्षमता से अधिक कोयला लदे होने के बावजूद कम मात्रा का पंचिंग किया जा रहा है। इसकी व्यापक जांच कर रोकथाम करने की आवश्यकता है। क्योंकि इससे जहां एक तरफ कोयले की उत्पादन रिपोर्ट कम होता

है। वही दूसरी ओर सीसीएल और राज्य सरकार के राजस्व को प्रतिवर्ष करोड़ों का चूना भी लगाया जाता है। इसमें सबसे दु:खद और आश्चर्य की बात यह है कि वजन घर पर तैनात सीसीएल सुरक्षाकर्मी, होम गार्ड के जवान और सीआईएसएफ जवान मूक दर्शक बने रहते हैं।

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