नंद कुमार सिंह/फुसरो (बोकारो)। आयकर विभाग द्वारा बेरमो विधायक कुमार जयमंगल सिंह और पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव के यहां मैराथन छापामारी का उद्देश्य क्या महज कांग्रेसी विधायकों में भय उत्पन्न करना था। क्योंकि जांच में जो कुछ बरामद हुआ है उसे देखते हुए खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली कहावत चरितार्थ हुई है। सर्वत्र इसी बात की चर्चा भी है।
झारखंड में कांग्रेसी विधायकों की खरीद-फरोख्त में मिली असफलता के कारण भाजपा खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली कहावत चरितार्थ कर रही है। भाजपा की उम्मीदों पर पानी फेरने काम बेरमो विधायक कुमार जयमंगल ने किया है।
जिसके कारण बेरमो विधायक एक तरफ जहा यूपीए में हीरो की तरह उभरकर सामने आए है। दूसरी तरफ भाजपा और एनडीए के अन्य घटक दल बेरमो विधायक कुमार जयमंगल सिंह को सबसे बडा विलेन मान रहा है।
भाजपा का राज्य और केंद्रीय नेतृत्व कुमार जयमंगल को सबक सिखाने के लिए कृत संकल्पित नजर आ रहा है। यह कयास उस वक्त से ही लगाया जा रहा है, जब कांग्रेसी विधायकों को खरीदने के प्रयास का कुमार जयमंगल ऐन वक्त पर भंडाफोड़ कर दिया और झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार को गिरने से बचा लिया।
अभी तक आयकर विभाग बेरमो विधायक के यहां से बरामद आपत्तिजनक कागजात, आय के श्रोतो तथा नगदी जेवरात आदि का विवरण प्रेस के माध्यम से जारी नही किया है। लेकिन बेरमो विधायक कुमार जयमंगल ने 6 नवंबर को प्रेस वार्ता मे बताया है कि उनके यहां से जो कागजात बरामद हुआ है उसमे घर के दस्तावेज शामिल है।
पटना स्थित आवास से मात्र 600 रूपया मिला है। रांची आवास से आयकर विभाग को कोई नामी और बेनामी संपति नही मिला है। एक करोड़ प्रतिदिन आय का भी आयकर विभाग को दस्तावेज नही मिला है। आयकर विभाग के इस छापेमारी से उन्हे बदनाम और भयभीत करने का असफल प्रयास किया गया है।
विधायक ने बेरमो स्थित आवास से मात्र 70 हजार रूपए मिलने की बात कही है। विधायक के इस खुलासे के बाद निश्चिंत रूप से आयकर विभाग द्वारा मारे गए छापा पर प्रश्न तो उठेगा ही।
इस प्रश्न के उठाने को इस बात से भी बल मिलेगा कि आयकर विभाग की जो टीम विधायक कुमार जयमंगल के बेरमो आवास पर छापा मारने पहुंची थी, उस टीम के कुछ अघिकारी एक ऐसी गाड़ी मे बैठकर आये थे जिसमे भाजपा का स्टीकर लगा हुआ था। यह काफी गंभीर मामला है।
इस संबंध मे उस फोटोग्राफ या विडिओ रिकार्डिंग लेकर उसका कोई भी समर्थक न्यायालय में इनकम टैक्स कमिश्नर के विरुद्ध मामला दर्ज करा सकता है। क्योंकि इससे स्पष्ट होता है कि यह छापामारी भाजपा के दबाव में हुई है। आयकर अधिकारी के विरुद्ध मामला दर्ज होता है कि नहीं यह तो वक्त बताएगा। लेकिन यह मुद्दा कांग्रेस को फ्रंटफुट पर खेलने का मौका दे दिया है।
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