भागवत कथा के चतुर्थ दिवस समुद्र मंथन व् विष्णु के मोहिनी अवतार का वर्णन
एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड की राजधानी रांची के लालपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह में भक्तों की अपार भीड़ देखी जा रही है। इसे लेकर आयोजको में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। उक्त जानकारी गुजराती समाज के मीडिया प्रभारी हरीश दोसी उर्फ राजू भाई ने दी।
उन्होंने बताया कि गुजराती समाज द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पटेल समाज रांची में कथावाचक आचार्य मोहितभाई राज्यगुरु ने 21 जुलाई को समुद्र मंथन की कथा के दौरान कहा कि समुद्र मंथन से प्राप्त विष को भगवान शिव ने पीकर संसार का उद्धार किया। उन्होंने कहा कि तब देव दानवों का युद्ध अमृत के लिए हुवा। भगवान श्रीहरि विष्णु जी ने मोहिनी अवतार धार कर देवो को अमृत पान करवाया। आगे कैसे एकादशी का व्रत किया जाए उसकी कथा तथा एकादशी व्रत का महत्व पर उन्होंने प्रकाश डाला।
आचार्य मोहितभाई ने आगे राजा दिलीप की कथा (दिलीप उपाख्यान) सुनाई। कहा कि राजा दिलीप के द्वारा गौ माता की रक्षा की कथा श्रवण और गौ माता की सेवा के क्या फल मिलता है? कैसे गौ माता की सेवा की जाती है? उसका क्या महत्व है? उसकी कथा प्रस्तुत की तथा भगवान श्रीराम का जन्म और रामायण की कथा वाचन किया।
कथावाचन के अंतिम में भगवान श्रीकृष्ण की कथा और जन्मोत्सव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीहरि विष्णु का कृष्ण अवतार श्रीकृष्ण के मोहिनी रूप की महिमा अद्भुत और निराली है।
चतुर्थ दिन संवाद के अनुसार वासुदेवजी अवतार के रूप में भरत मानसता, भगवान श्रीकृष्ण के अवतार में दिवित मानसता, भगवान श्रीराम के रूप में धवल पटेल, माता सीता के रूप में रिचा पटेल, भ्राता लक्ष्मण के रूप में विनित दीवानी और श्रीराम भक्त हनुमानजी के रूप में आनन्द माणेक की छवि मनमोहक लग रहा था। कार्यक्रम का स्वरूप देने में मंगलाबेन राठौड़ तथा रूपांतर हरेश दोषी (राजूभाई) का अहम योगदान रहा।
भागवत कथा कार्यक्रम को सफल बनाने में गुजराती समाज के जसुबेन पटेल, गीता मानसता, किरण माणेक, अल्का ठक्कर, पल्लवी मेहता, किरण माणेक, अलफ़ा दोसी, परेश भाई, विनोद पटेल, पंकज ठक्कर, भरत भाई, रीतेश राठौड़, पप्पू माणेक, अमित वाढेल, जगदीश भाई चूड़ासमा, कांतिभाई ठक्कर, तुलसी भाई पटेल, माधव शास्त्री का योगदान रहा जबकि कार्यक्रम में सूचना मिडिया प्रभारी राजूभाई सक्रिय दिखे।
376 total views, 1 views today