वैशाली जिले के थानों से हो रही है अवैध शराब की बिक्री
गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। बिहार के जिद्दी मुख्यमंत्री और देश के संभावित प्रधान मंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट बिहार में वर्ष 2016 से लागू पूर्ण शराब बंदी कानून के अंतर्गत अब तक 5 लाख से अधिक युवा जेल जा चुके हैं।
थाने और कोर्ट में 5 लाख से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। जेल जाने वाले अधिकांश युवा हैं, उनमे अधिकांश जेल से आने के बाद अपराध की दुनियां में कदम रख चुके हैं। इस कानून के लागू होने के बाद इसका समाज पर क्या अशर हुआ या क्या लाभ हुआ इसका सरकार ने सर्वेक्षण नही किया।
इस संबंध में बिहारवासियों का मानना है कि बिहार में इस कानून के लागू होने के सात वर्ष बाद भी शराब बंद नही हुआ। नेता, प्रशाशन पुलिस के सहयोग से बिहार में अवैध दारू और बालू का धंधा बदस्तूर जारी है।अभी हाल ही में बिहार सरकार में शामिल जदयू के एक विधान पार्षद राधा चरण सेठ तथा उनके पुत्र को अवैध बालू के धंधे से अकूत सम्पति बनाने के आरोप में ईडी ने गिरफ्तार किया है।
दूसरी ओर मध निषेध विभाग पटना की टीम ने बीते 17 सितम्बर की रात वैशाली जिला के हद में हाजीपुर-मुजफ्फरपुर मुख्य मार्ग पर स्थित सराय थाना में छापामारी कर थाने से शराब बेचने के आरोप में थाना प्रभारी विदुर कुमार, मालखाना प्रभारी एएसआई मुनेश्वर कुमार, सिपाही सुरेश कुमार तथा चौकीदार परमेश्वर राम को थाने में मिनी ट्रक लगाकर शराब बेचते रंगे हाथ पकड़ा है।
इसके बाद थानाध्यक्ष समेत सभी चारों पुलिसवालों को यहां से हाजीपुर नगर थाना लाया गया। जहां इनसे पूछताछ की जा रही है।बताया जाता है कि ये सभी मिलकर बीते 17 सितंबर की देर रात माफिया से डील कर ट्रक मंगाया था, जिसमें शराब को लोड किया जा रहा था। तभी पटना मद्य निषेध विभाग की टीम को सूचना मिल गई और थाना में सेवारत पुलिस वालो को रंगे हांथ पकड़ लिया गया।
बताया जाता है कि सराय थाना प्रभारी सहित चारो पुलिसकर्मियों को आरक्षी अधीक्षक वैशाली द्वारा निलंबित कर दिया गया है और अबैध दारू का धंधा का मामला दर्ज कर इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
सूत्रों के अनुसार जेल भेजने के पहले आरोपी पुलिस कर्मियों को जांच के लिये बीते 18 सितंबर को चिकित्सा जांच के लिए सदर अस्पताल हाजीपुर लाया गया। जहाँ साथ आये आरक्षी दल के द्वारा गिरफ्तार इन पुलिसकर्मियों को वीआईपी सुविधा दी जा रही थी। जिसका लाभ उठा कर गिरफ्तार आरक्षी सुरेश कुमार भाग निकला, जिसे पुलिसकर्मियों ने खदेड़ कर पकड़ लिया और पुलिसकर्मी उसे घसीटते हुए ले गये
बताया जाता है कि इन गिरफ्तार पुलिसकर्मियों को न्यायालय द्वारा मंडल कारा हाजीपुर भेज दिया गया। इस घटना के बाद अब यह चर्चा आम हो गया है कि बिहार में खासकर वैशाली जिले में पुलिस वाले हीं अवैध शराब के धंधेबाज है तो शराब बंदी कानून का क्या लाभ?
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