प्रहरी संवाददाता/बगोदर (गिरिडीह)। गिरिडीह जिला (Giridih district) के हद में जीटी रोड से जुड़े बगोदर में 27 सितंबर को विभिन्न राजनितिक दल समर्थकों ने भारत बंद के सफल बनाने को लेकर कृषि कानुन को वापस करने की मांग को लेकर सड़क पर उतर कर मोदी सरकार (Modi Government) के विरोध में जमकर नारे बाजी किया।
बंद के दौरान भाकपा माले द्वारा तिरला मोड़ के पास जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रखंड समिति ने संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत भारत बंद को लेकर एनएच-2 (जीटी रोड) पर उतरकर चक्का जाम किया।
इस दौरान मोर्चा के केन्द्रीय प्रवक्ता नीतीश पटेल ने कहा कि किसान संगठनों के आन्दोलन का दस महीना बीत जाने के बाद भी मोदी सरकार तीनों काला कृषि कानून वापस नही ली है। सिर्फ बर्बरता पूर्वक उनके आन्दोलनों को कूचलने का प्रयास करती रही है।
उन्होंने कहा कि जो कानून देश के किसानों के हित में नही है उसे वापस लेने में क्यों मोदी सरकार अड़ी है? मोदी सरकार का ये कानून खेती और किसान को भी अडानी-अंबानी के हाथों बेचने का कानून है। मोदी सरकार द्वारा इस देश के सारे संपत्तियों को उद्योगपतियों के हाथों बेचा जा रहा है। तब तक आन्दोलन चलता रहेगा जब तक कृषि कानुन वापस नही होता है।
मौके पर प्रखंड अध्यक्ष रामचंद्र महतो, सचिव साकिर अंसारी, बंधन महतो, रूपलाल चौधरी, अनवर अंसारी, बिरेन्द्र पटेल, आनंद पासवान, इस्तियाक अंसारी, सोबरन रविदास, परमेश्वर महतो, सोमर महतो आदि कार्यकर्ता बंदी में शामिल थे।
वहीं भाकपा माले के संदीप जयसवाल, पुरन कुमार महतो, संतोष रजक, शुभाष साव बगोदर चौक तथा तिरला मोड़ के पास काफी संख्या में बंद समर्थक रहिवासी मौजुद थे।
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